शहीद सीताराम को मिलेगा राष्ट्रपति वीरता पदक
बीएसएफ अधिकारी ने मां, पत्नी समेत पूरे परिवार को बहुत ही भावुक अंदाज में सीताराम की वीरता व मुठभेड़ की पूरी कहानी बयां की।
दिलीप सिन्हा, गिरिडीह। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी फायरिग में शहीद हुए पालगंज (गिरिडीह, झारखंड) के लाल सीताराम उपाध्याय को अदम्य साहस और वीरता के लिए राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजे जाने की अनुशंसा की जाएगी। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इसके लिए राष्ट्रपति से अनुशंसा करेगा। यह जानकारी शहीद के शव को लेकर आए बीएसएफ के अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने शहीद की पत्नी रेशमी व अन्य परिजनों को दी है।
बीएसएफ अधिकारी रावत अंतिम संस्कार के दूसरे दिन रविवार को पालगंज महादेव मंडा स्थित शहीद सीताराम के आवास पर उनकी पत्नी को तिरंगा सौंप रहे थे। यह वही तिरंगा था, जिस पर लिपटाकर शहीद का पार्थिव शरीर लाया गया था। बीएसएफ अधिकारी ने रेशमी को बताया कि यह तिरंगा देश की शान है, जो बराबर आपको सीताराम की शहादत पर गर्व कराएगा। इसे बहुत संभालकर रखिएगा। साथ ही, उन्होंने सीताराम की माता से कहा कि आपको गर्व होना चाहिए कि आपने एक वीर सपूत को जन्म दिया था। उनकी शहादत पर सिर्फ आपको ही नहीं, बल्कि पूरे देश को गर्व है।
बीएसएफ अधिकारी ने मां, पत्नी समेत पूरे परिवार को बहुत ही भावुक अंदाज में सीताराम की वीरता व मुठभेड़ की पूरी कहानी बयां की। उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर चौकी पर सीताराम की ड्यूटी थी। पाकिस्तानी सेना आतंकियों को भारत की सीमा में प्रवेश कराने की कोशिश में थी। मुस्तैद सीताराम को इसका अंदाजा हो गया था। उन्होंने मोर्चा लेकर फायरिंग शुरू कर दी। पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया। लेकिन, इसी बीच उस पार से फायरिंग की गई, उन्हें गोली लगी और वह शहीद हो गए। अपनी शहादत देकर भी सीताराम ने आतंकियों को देश के अंदर आने नहीं दिया। बीएसएफ के आला अधिकारी उनके अदम्य साहस और वीरता की पूरी रिपोर्ट बनाकर राष्ट्रपति से वीरता पदक के लिए अनुशंसा करेंगे।