नक्सल क्षेत्र में मदद के लिए पहुंची पुलिस
खुखरा थाना क्षेत्र का यह अति नक्सल प्रभावित नोकनिया गांव है। हार्डकोर नक्सली नुनूचंद महतो एवं अजय महतो इसी इलाके का रहने वाला है।
पीरटांड़ : खुखरा थाना क्षेत्र का यह अति नक्सल प्रभावित नोकनिया गांव है। हार्डकोर नक्सली नुनूचंद महतो एवं अजय महतो इसी इलाके का रहने वाला है। नोकनिया में माओवादियों ने स्कूल भवन को भी पूर्व में उड़ाया था। इस इलाके के लोगों का पुलिस से रिश्ता पहले बेहतर नहीं था। पुलिस को आते देख यहां के लोग किनारे हो जाते थे। माओवादियों का यहां दबदबा था। लॉकडाउन के दौरान इस इलाके के लोगों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। इनकी मदद के लिए यहां तक कोई भी सामाजिक या राजनीतिक संगठन नहीं पहुंचा है। संकट की इस घड़ी में मदद के लिए यहां कोई पहुंचा तो वह पुलिस ही थी। दोपहर के करीब बारह बज रहे हैं। इस गांव का नजारा आज बिल्कुल बदला-बदला सा है। कभी पुलिस को देखकर भागने वाले यहां के ग्रामीण आज पुलिस के साथ फ्रेंडली नजर आ रहे हैं। पुलिस नेपनिया एवं बगल के गांव चतरो में कैंप कर रही है। यह कैंप माओवादियों के खिलाफ किसी आपरेशन के लिए नहीं था बल्कि इस इलाके के लोगों के घरों का चूल्हा जले इसके लिए था। पुलिस कप्तान सुरेंद्र कुमार झा खुद इसकी अगुवाई कर रहे थे। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ग्रामीणों की लंबी कतार लगी हुई थी। बगल में मेडिकल कैंप भी लगा था। मेडिकल कैंप भी पुलिस विभाग की थी। एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने सबसे पहले ग्रामीणों को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी। बताया कि कैसे हम इससे संक्रमित हो सकते हैं और कैसे इससे बच सकते हैं। इसके बाद ग्रामीणों के बीच मास्क एवं ग्लब्स का वितरण किया। फिर एक-एक ग्रामीण की चिकित्सीय जांच कराई। सभी को दवाएं भी दी गई। ेइसके बाद एसपी सुरेंद्र कुमार झा एवं एएसपी आपरेशन दीपक कुमार ने एक-एक कर करीब साढ़े तीन सौ परिवार को खाद्यान्न समेत अन्य सामग्री दिए। एसपी ने लोगों से यह अपील भी की कि कोरोना को अगर हराना है तो हमें जागरूकता अपनानी होगी। जो लोग प्रदेशों से कामकर लौट रहे हैं उन्हें अलग रखना होगा तभी हम यह यह जंग जीत पाएंगे। सीआरपीएफ के अधिकारियों के अलावा खुखरा थाना प्रभारी सोमा उरांव व एसआई नितिन झा भी इस कैंप में शामिल हुए।