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पार्किंग वसूली की निविदा रद, कर्मियों को शोकॉज

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: नगर निगम क्षेत्र में चिह्नित नौ वाहन पार्किंग स्थल व नो पाíकंग जोन स

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 07:44 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 07:44 PM (IST)
पार्किंग वसूली की निविदा रद, कर्मियों को शोकॉज
पार्किंग वसूली की निविदा रद, कर्मियों को शोकॉज

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: नगर निगम क्षेत्र में चिह्नित नौ वाहन पार्किंग स्थल व नो पाíकंग जोन से बंदोबस्तधारी काजल-पंकज की हो रही अवैध वसूली को लेकर हुए हंगामे के बाद नगर आयुक्त गणेश कुमार ने बंदोबस्ती रद कर दी है। इसके साथ ही संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया है।

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नगर आयुक्त ने बताया कि जल्द ही निविदा निकालकर दूसरे को इस काम के लिए अधिकृत किया जाएगा। बता दें कि कजल-पंकज को 44 दिन पूर्व नगर निगम की ओर से नौ वाहन पाíकंग के लिए बंदोबस्ती दी गई थी। इसमें वाहनों से टैक्स लेने के साथ ही इस स्थल के 100 मीटर के आसपास नो पाíकंग जोन घोषित किया गया था, जहां वाहन खड़ा करने के बाद वाहन मालिकों से जुर्माना वसूली करने की बात भी कही गई थी। जब संवेदक ने अपना काम करना आरंभ किया तो दुर्गापूजा के पूर्व नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश मोदी अपनी दुकान से सामने से वाहनों को उठाए जाने का विरोध करते हुए वहीं धरना पर बैठ गए। नप के पूर्व अध्यक्ष दिनेश प्रसाद यादव, चैंबर ऑफ कामर्स के सभी पदाधिकारियों के साथ अन्य कई लोगों ने इसका समर्थन किया। दूसरे दिन सभी ने नगर निगम कार्यालय परिसर में भी धरना दिया।

इसके बाद नगर आयुक्त ने कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई। कमेटी में शामिल नगर प्रबंधक प्रशांत भारतीय, प्रमेय मंदिलवार, अर्बन प्लानर मंजूर आलम, कनीय अभियंता सलाही फिरोज, अमीन बलवीर कुमार ने जांच प्रतिवेदन में ठेकेदार के साथ किए गए एकरारानामा की प्रक्रिया को गलत बताया। इसके बाद संवेदक को बुलाकर कहा गया कि नो पाíकंग जोन से जुर्माने की वसूली नगर निगम से अधिकृत अधिकारी ही करेंगे। इसके लिए सीटी मैनेजर प्रमेय मंदिलवार एवं गौरी शंकर को अधिकृत किया गया। इस पर संवेदक की ओर से कहा गया कि जब जुर्माना वसूली का अधिकार उसे नहीं होगा तो वह यह काम नहीं करेगा। इसके बाद नगर आयुक्त ने एकरारनामा में विसंगति का जिक्र करते हुए बदोबस्ती रद कर दी। संवेदक का निगम के पास जमा अग्रधन 3 लाख 35 हजार 40 रुपये में से 2 लाख 92 हजार 844 रुपये वापस करने का आदेश दिया है।


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