राशनकार्ड में नाम नहीं रहनेवालों को ही मिलेगी राहत सामग्री
लॉक डाउन के दौरान अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की ओर से राहत सामग्री दी जा रही है ताकि प्रवासी मजदूरी को भूखे न रहना पड़े। परंतु इसके बारे सही जानकारी नहीं होने के कारण कई प्रवासी मजदूर बेवजह प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर राहत सामग्री नहीं मिलने को लेकर शिकायत कर रहे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए गांडेय के एमओ दिनेश मिस्त्री ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार जिन प्रवासी मजदूरों का राशन कार्ड में नाम है उन्हें राहत सामग्री का लाभ नहीं मिलेगा।
गांडेय (गिरिडीह) : लॉकडाउन के दौरान अपने गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को सरकार की ओर से राहत सामग्री दी जा रही है ताकि उन्हें भूखे न रहना पड़े। इस बारे में सही जानकारी नहीं होने के कारण कई प्रवासी मजदूर बेवजह प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर राहत सामग्री नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। एमओ दिनेश मिस्त्री ने बताया कि उपायुक्त के निर्देशानुसार जिन प्रवासी मजदूरों का राशन कार्ड में नाम है उन्हें राहत सामग्री का लाभ नहीं मिलेगा। जिनका राशनकार्ड में नाम नहीं है केवल उन्हें ही राहत सामग्री का लाभ मिलेगा। वैसे मजदूरों को दस किलो चावल व दो किलो चना दिया जाना है। इसके लिए जिन प्रवासी मजदूरों ने 31 मार्च 2020 के पहले ऑनलाइन आवेदन कराया है केवल वैसे लोगों को ही राशन का लाभ मिलेगा। इसके अनुसार प्रखंड मुख्यालय में 2939 प्रवासी मजदूरों की सूची है जिन्होंने 31 मार्च के पहले ऑनलाइन आवेदन किया था। निर्धारित तिथि के बाद ऑनलाइन करनेवालों को इसका लाभ देने का कोई निर्देश नहीं है। बता दें कि बीते एक सप्ताह पूर्व प्रखंड के चंपापुर पंचायत के लगभग पचास की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर राहत सामग्री नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। उनमें से अधिकांश प्रवासी मजदूरों का राशनकार्ड में नाम दर्ज है। इस कारण उन्हें अलग से राहत पैकेज का लाभ नहीं दिया जा रहा था। एमओ ने बताया कि जानकारी के अभाव में विभिन्न पंचायत के प्रवासी मजदूर लगातार राहत सामग्री नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि निर्धारित अहर्ता पूरी करनेवाले प्रवासी मजदूरों को अवश्य इसका लाभ दिया जाएगा।