नारी शक्ति को पहचानने की जरूरत
गिरिडीह: आज महिला ही महिला की दुश्मन बनी है। चाहे वह दबाब में हो या कोई मजबूरी। नारी
गिरिडीह: आज महिला ही महिला की दुश्मन बनी है। चाहे वह दबाब में हो या कोई मजबूरी। नारी को अपनी शक्ति को पहचान कर आगे आना होगा तभी कन्या भ्रूणहत्या पर रोक लग सकती है। ये बातें कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एससी जायसवाल ने कही। डालसा की ओर से न्यायालय परिसर में पीएलवी के दो दिवसीय ट्रे¨नग का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि नारी किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं फिर भी आज बालिकाओं को गर्भ में ही मार दिया जाता है जो कानूनन अपराध है। पीएलवी को ट्रे¨नग देते हुए डालसा के सचिव ने कहा कि हमारे शास्त्रों में नारियों का बखान किया गया है। उन्हें सम्मानित नजर से देखा जाता था। कोई भी कार्य पुरुष स्त्री के बगैर नहीं कर सकता फिर भी आज बच्चियों को धरती पर आने नहीं दिया जा रहा है। कहा कि सभी को मिलकर उसी पुराने आदर्श को स्थापित करना है। इसके लिए कहीं भी लगे कि गर्भ की अवैध जांच और कन्या भ्रूणहत्या की जा रही है तो कानून के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस कार्य में पीएलवी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने सरकार की ओर से महिलाओं और बालिकाओं के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को प्रचारित करने की बात कही। पीएलवी इस तरह की कोई भी जानकारी प्राप्त कर डालसा में देंगे। साथ ही पीएलवी गावं गावं में जाकर महिलाओं को इस बारे में जागरूक करेंगे। इस दौरान देश की सर्वश्रेष्ठ पीएलवी बसंती के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया। कार्यक्रम में प्रशिक्षु न्यायिक दंडाधिकारी अमिकर, पैनल अधिवक्ता बिपिन यादव, डॉ. अशोक कुमार ने भी लोगों को संबोधित किया।