तूफान दा का शव पहुंचते ही गांव में आई 'आंधी'
संवाद सहयोगी पीरटांड़ नक्सली राजकुमार किस्कू उर्फ तूफान मांझी उर्फ किशनचंद उर्फ कि
संवाद सहयोगी, पीरटांड़ : नक्सली राजकुमार किस्कू उर्फ तूफान मांझी उर्फ किशनचंद उर्फ किशुन का शव लेकर गुरुवार की शाम करीब चार बजे जेल अधिकारी जैसे ही पीरटांड़ के मांझीडीह मोड़ पहुंचे, वहां पहले से मौजूद ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीणों ने शव को लेने से इन्कार कर दिया। आक्रोशित महिलाओं ने पीरटांड़ के थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह की जमकर फजीहत की। पुलिस ने काफी संयम से काम लिया। ग्रामीणों के साथ मौजूद झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कड़ी मशक्कत कर आक्रोशित आदिवासियों को समझाकर शांत कराया। विधायक ने पहले उनकी मांगों पर प्रशासन से सहमति दिलायी इस पर भी लोग नहीं माने। अंत में विधायक ने तेवर तल्ख करते हुए कहा कि यदि उनकी बात नहीं सुनेंगे तो वह यहां से चले जाएंगे। इसके बाद लोग शांत पड़ गए। शाम करीब पांच बजे स्वजनों ने शव को लिया। इसके पूर्व विधायक ने मृतक के भाई बिरेंद्र किस्कू की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात कराई थी। मुख्यमंत्री ने किस्कू को आश्वस्त किया था कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए गए पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
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स्वजनों की शिकायतों की होगी जांच, सीएम से वार्ता करांएगे विधायक :
स्वजनों का दावा है कि पुलिस ने राजकुमार किस्कू को तूफान दा बनाकर जेल भेज दिया। जबकि तूफान दा उसका भाई है जो फरार है। राजकुमार छह साल से पकौड़ी की दुकान चला रहा था। यह बात पुलिस को मालूम है। इसकी जांच कराई जाए। गिरफ्तारी के बाद राजकुमार की पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। उसे सही इलाज उपलब्ध नहीं कराया गया। मृतक के आश्रित को मुआवजा देने की मांग की गई। विधायक ने इस मामले में स्वजनों को रांची ले जाकर मुख्यमंत्री से वार्ता कराने का आश्वासन दिया। विधायक ने कहा कि जो भी दोषी पाए जाएंगे, वह बख्शे नहीं जाएंगे। इस मौके पर अंचल अधिकारी विनय प्रकाश तिग्गा, अवर निरीक्षक विश्वजीत तुंबली, प्रमुख सिकंदर हेम्ब्रम, झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष महावीर मुर्मू, रवि लाल, जिप सदस्य सबिता हांसदा आदि मौजूद थे।
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क्या है मामला : मंगलवार को इलाज के दौरान रिम्स रांची में भर्ती राजकुमार किस्कू उर्फ तूफान दा की मौत हो गई थी। पीरटांड़ प्रखंड के कुम्हारलालो का रहने वाला था। उस पर पीरटांड़ थाना क्षेत्र में हुए 18 साल पुराने माओवादी हिसा में शामिल होने का आरोप था। पुलिस उसे इस साल 14 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेजी थी। गिरफ्तारी के बाद जेल आने पर उसके शरीर मे पीठ समेत कई जगहों पर दर्द की शिकायत थी। नस संबंधी रोग से वह पीड़ित था। पहले उसका इलाज जेल अस्पताल में चला। स्थिति में सुधार नहीं होने पर जेल के डॉक्टर ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जेल प्रशासन ने इसके लिए पहले अदालत से अनुमति ली। अनुमति मिलने के बाद सदर अस्पताल भेजने के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराने के लिए जिला पुलिस को जेल प्रशासन ने 24 सितंबर को पत्र लिखा। जिला पुलिस ने करीब 15 दिन बाद 10 अक्टूबर की शाम को पुलिस बल उपलब्ध कराया। इसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर हालत देख उसे पुलिस बल के साथ 12 अक्टूबर को रिम्स भेजा गया।