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विभिन्न मांगों को ले मनरेगा कर्मियों की हड़ताल 11 वें दिन भी जारी

गिरिडीह झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर विभिन्न मांगों की प्राप्ति को ले

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:43 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:43 PM (IST)
विभिन्न मांगों को ले मनरेगा कर्मियों की हड़ताल 11 वें दिन भी जारी
विभिन्न मांगों को ले मनरेगा कर्मियों की हड़ताल 11 वें दिन भी जारी

गिरिडीह : झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर विभिन्न मांगों की प्राप्ति को ले जारी मनरेगा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल 11वें दिन भी जारी रही। आगे की रणनीति तैयार करने व आंदोलन को धारदार बनाने के लिए गुरुवार को हड़ताली मनरेगा कर्मियों ने गुरुवार को गिरिडीह हवाई अड्डा में बैठक की।

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बैठक को संबोधित करते हुए मनरेगा संघ के प्रखंड अध्यक्ष तबारक हुसैन ने कहा कि सरकार हम मनरेगा कर्मियों की मांगों पर विचार करने के बजाय वैकल्पिक व्यस्था बना रही है। मनरेगा के सफल संचालन में जिस कर्मी को लगाया जा रहा है उसे मनरेगा के म अक्षर जानने में महीनों लगेंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों की मांगों को सरकार जब तक मान नहीं लेती है तब तक हमलोग हड़ताल पर डटे रहेंगे। फिलहाल सदर प्रखंड में 43 मनरेगा कर्मी हैं जिसमें प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ)सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक और ग्राम रोजगार सेवक मुख्य रूप से शामिल हैं। उपरोक्त पदाधिकारियों एवं कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से पंचायतों में चल रही बिरसा मुंडा हरित ग्राम योजना सहित टीसीबी, सिचाई कूप, आम बागवानी, मेड़बंदी, वर्मी, वाटर हार्वेस्टिग आदि की योजना पूरी तरह ठप हो गई है।

मनरेगा कर्मियों की पांच मुख्य मांगें :

मनरेगा कर्मी संघ के सचिव विजय कुमार ने बताया कि मुख्य रूप से सभी मनरेगा कर्मियों का स्थायीकरण, 25 लाख का जीवन बीमा व पांच लाख स्वास्थ्य बीमा, मृत मनरेगा कर्मी के परिवार को 25 लाख मुआवजा व उसके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी, मनरेगा कर्मियों को मातृत्व/पितृत्व अवकाश, अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश आदि का प्रावधान, मनरेगा कर्मियों को सीधा बर्खास्त करने के बजाय उन पर सरकारी कर्मचारी की तरह विभागीय कार्रवाई करने, मनरेगा कर्मियों को सीमित उप समाहर्ता परीक्षा में बैठने का अवसर दिए जाने और सेवा काल की अवधि के बराबर छूट व रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने, इसके अलावा बिहार की तर्ज पर मनरेगा को स्वतंत्र इकाई घोषित करते हुए मनरेगा कर्मियों को इनके क्रियान्वयन की संपूर्ण जिम्मेदारी देने आदि मुख्य मांगें हैं।

बैठक में धीरज कुमार पाठक, दीपक दास, फिरोज अहमद, अनिल राम, संजीत कुमार, रंजीत शर्मा, शमशाद आलम, धनंजय कुमार, साहब राम सोरेन, बसंत मंडल, शंकर वर्मा, सुबोध वर्मा, मनोरंजन कुमार, ताहिर हुसैन, रंजीत शर्मा, संतोष साव, सुबेश्वर वर्मा, फिरोज अहमद, तोशिफ राजा, विद्याशंकर माली, लोहा सिंह, विजय वर्मा आदि उपस्थित थे।


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