मधुबन-गिरिडीह लाइन से लाखों जैन यात्रियों को होगा लाभ
संवाद सहयोगी, डुमरी/ निमियाघाट (गिरिडीह): पारसनाथ वाया मधुबन-गिरिडीह रेलवे लाइन की नींव आखिरकार प
संवाद सहयोगी, डुमरी/ निमियाघाट (गिरिडीह): पारसनाथ वाया मधुबन-गिरिडीह रेलवे लाइन की नींव आखिरकार पड़ ही गई। सोमवार को इसका शिलान्यास होने के साथ ही जैन यात्रियों सहित जिले वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस रेलवे लाइन के चालू हो जाने से न केवल देश-विदेश से आने वाले लाखों जैन यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि जिलेवासी भी इससे लाभान्वित होंगे। इसे लेकर जैन धर्मावलंबियों सहित स्थानीय लोगों में काफी हर्ष है।
शिलान्यास समारोह में मुख्य अतिथि स्थानीय सांसद रवींद्र पांडेय ने कहा कि पारसनाथ से गिरिडीह तक रेलवे लाइन का निर्माण हो जाने से जैन धर्मावलंबियों को तो अपने विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पार्श्वनाथ आने-जाने में काफी सहूलियत होगी ही, बाबा नगरी देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी काफी सुविधा होगी। इस परियोजना के बन जाने से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। गिरिडीह विधायक निर्भय कुमार शाहबादी ने एक रैक प्वाइंट का निर्माण कराने की दिशा में पहल करने की अपील सांसद व रेलवे अधिकारियों से की।
बिना टेंडर व भूमि अधिग्रहण के शिलान्यास महज चुनावी स्टंट: डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने बिना टेंडर व भूमि अधिग्रहण किए रेलवे लाइन निर्माण के लिए शिलान्यास करने पर सवाल खड़े किए। कहा कि यह निर्माण कार्य हो जाए तो अच्छा है, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि बिना टेंडर एवं भूमि अधिग्रहण के निर्माण कार्य का शिलान्यास करना सिर्फ चुनावी स्टंट प्रतीत होता है। प्रधानमंत्री ने दो वर्ष पूर्व साहेबगंज में पुल निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था, लेकिन अभी तक वहां दो ईट भी नहीं रखी जा सकी है। यह परियोजना क्षेत्र के लिए एक अच्छी पहल है, लेकिन इस परियोजना को सारी कागजी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद धरातल पर उतारा जाता तो और बेहतर होता।
धनबाद मंडल के डीआरएम अनिल कुमार मिश्रा ने कहा कि शिलान्यास के साथ ही लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई। मौके पर सीनियर डीसीएम आशीष कुमार झा, वरीय डीईएन को-ऑर्डिनेशन बीके सिंह, आरपीएफ के वरीय डीएसपी बिनोद कुमार, सीनियर सीएसटी अजीत कुमार, सीनियर डीईईजी दिनेश साह, पारसनाथ स्टेशन प्रबंधक भूषण दूबे, प्रमुख यशोदा देवी, जीवाधन महतो, यदुनंदन पाठक, कामाख्या गिरि, अशोक ओझा, विद्याधर पाठक, सुरेश दूबे, प्रदीप साहू, नीलकंठ महतो, अशोक जैन, जदयू नेता अब्दुल मोबिन रिजवी, अभय जैन, सुमन सिन्हा, देवेंद्र जैन, पवन देव शर्मा, बिष्णु जैन, निर्मल जैन, प्रदीप जैन, संजय झा, वीके वर्मा आदि थे।