आचार्य विराग सागर की एक झलक पाने को बेताब दिखे लोग
मधुबन (गिरिडीह) : बुधवार को तीर्थ नगरी मधुबन का माहौल देखने लायक था। सम्मेद शिखरजी के इतिह
मधुबन (गिरिडीह) : बुधवार को तीर्थ नगरी मधुबन का माहौल देखने लायक था। सम्मेद शिखरजी के इतिहास में दिगम्बर समुदाय का 108 पिच्छी का संघ प्रथम बार सम्मेद शिखरजी में प्रवेश होने जा रहा था। इतने बड़े संघ की एक झलक पाने के लिए हजारों लोग पलकें बिछाए थे।
हर घर के सामने रंगोली, हाथों में दीपक जलाए महिला-पुरुष, सब के सब उत्साहित नजर आ रहे थे।
ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो भगवान महावीर स्वामी अपने मुनिसंघ सहित सम्मेद शिखरजी की यात्रा पर आए हो।
श्री दिगम्बर जैन तेरह पंथी कोठी ट्रस्ट के पदाधिकारी आचार्य महाराज की अगुवाई में बेताब थे। लगभग चार हजार किलोमीटर की लंबी पदयात्रा कर सम्मेद शिखरजी में प्रवेश किए आचार्य विराग सागर जी महाराज का विराट संघ के एक भी संत के चेहरे पर थकान नहीं थी। पैर के तलवे भले ही छिल गए हों पर श्री मुख पर प्रसन्नता झलक रही थी। ऐसे महान कल्याणकारी संत की पदयात्रा में शामिल हजारों लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।
मंगल प्रवेश के बाद साधु संघ के आहार चर्या के लिए तेरह पंथी कोठी के भीतर दर्जनों चौके लगे थे। सभी चौकों में महिला-पुरुष हाथों में तरह-तरह के फल लेकर संतों को दे रहे थे। सभी की इच्छा हो रही थी कि गुरुवर उनके चौके में आहार करें।
व्यवस्था को सुदृढ़ करने में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह तत्पर था। मधुबन थाना प्रभारी विनोद उरांव पुलिस बल के साथ आचार्य संघ के मंगल प्रवेश में ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे।