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उत्तरी छोटानागपुर में भाजपा की बादशाहत को महागठबंधन दे रहा चुनौती

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह: गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा एवं हजारीबाग जिले के कुछ हिस्सों में फै

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 11:33 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 11:33 PM (IST)
उत्तरी छोटानागपुर में भाजपा की बादशाहत को महागठबंधन दे रहा चुनौती
उत्तरी छोटानागपुर में भाजपा की बादशाहत को महागठबंधन दे रहा चुनौती

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह: गिरिडीह, धनबाद, कोडरमा एवं हजारीबाग जिले के कुछ हिस्सों में फैले उत्तरी छोटानागपुर के तीनों लोकसभा एवं 18 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की बादशाहत है। 2014 के चुनाव में भाजपा ने इन तीनों लोकसभा सीटों गिरिडीह, धनबाद एवं कोडरमा तथा 18 में से अकेले 11 सीटों पर जीती थी। वहीं एक सीट टुंडी उसकी सहयोगी आजसू जीती थी।

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बाबूलाल मरांडी की पार्टी के टिकट पर जीते बरकट्ठा विधायक जानकी यादव एवं चंदनकियारी के विधायक अमर बाउरी भी बाद में भाजपा में शामिल हो गए। कुल मिलाकर आज की तारीख में भाजपा गठबंधन का यहां की 18 में से 14 सीटों पर कब्जा है। विपक्ष के पास महज चार सीटें है। 2019 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में इस बादशाहत को कायम रखने के लिए भाजपा नेतृत्व गंभीर है। बादशाहत कैसे कायम रहे, इस पर तीन फरवरी रविवार को यहां गिरिडीह के पचंबा स्थित तेतरिया मैदान में तीनों लोकसभा क्षेत्रों के प्रमुख नेताओं एवं कार्यकर्ताओं संग उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत प्रांतीय नेता मंथन करेंगे। हालांकि फिलहाल जो जमीनी स्थिति है, उसके अनुसार भाजपा की इस बादशाहत को यहां महागठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है। महागठबंधन की चुनौती से निपटते हुए इस बार बादशाहत कायम रखना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।

भाजपा को यहां झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन एवं कांग्रेस के गठजोड़ से इस बार मजबूत चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हालांकि केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के करिश्माई नेतृत्व पर भाजपा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को भरोसा है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं कोडरमा के सांसद डॉ. रवींद्र कुमार राय ने दावा किया कि भाजपा न सिर्फ इन तीनों सीटों को बल्कि झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर कब्जा करेगी। झामुमो इस बार अपनी दोनों सीटों को ही नहीं बचा सकेगी। वहीं झाविमो का तो अस्तित्व ही नहीं बचेगा।

धनबाद सबसे सुरक्षित: तीनों लोकसभा सीटों में इस बार भी धनबाद में भाजपा सबसे मजबूत है। धनबाद ही भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीट है। पिछले लोस चुनाव में पूरे राज्य में सबसे अधिक दो लाख 92 हजार से भी अधिक वोटों से धनबाद से भाजपा के पशुपतिनाथ ¨सह जीते थे। इस बार भी वहां भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से ही होगा। वामपंथी पार्टी मा‌र्क्सवादी समन्वय समिति एवं झाविमो का समर्थन मिलने से कांग्रेस इस बार भाजपा के समक्ष मजबूत चुनौती जरूर देगी।

गिरिडीह सीट पर कांटे की टक्कर: भाजपा के समक्ष सबसे मजबूत चुनौती अपनी गिरिडीह लोकसभा सीट को बचाना है। पिछले चुनाव में झामुमो के जगरनाथ महतो से कांटे की लड़ाई में करीब 40 हजार 313 वोटों से अपनी सीट बचाने में भाजपा के रवींद्र कुमार पांडेय सफल रहे थे। झाविमो के डॉ. सबा अहमद के मैदान में उतरने से पांडेय की जीत संभव हो सकी थी। इस बार परिस्थिति थोड़ी और विकट है। बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस का समर्थन हेमंत सोरेन को प्राप्त है।

दूसरी ओर सांसद रवींद्र पांडेय व बाघमारा विधायक ढुलू महतो के बीच की जंग से भाजपा की किरकिरी हो चुकी है। सहयोगी पार्टी आजसू भी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। ऐसे में भाजपा को सबसे अधिक खतरा यदि किसी सीट पर है तो वह है गिरिडीह।

दो बिल्लियों की लड़ाई में फायदा बंदर को: पुरानी कहावत है कि दो बिल्लियों की लड़ाई में फायदा बंदर को होता है। कुछ ऐसी ही परिस्थिति कोडरमा लोकसभा सीट पर भी बनती नजर आ रही है। यह झारखंड का एकमात्र सीट होगा, जहां भाजपा को पूरी तरह से एकजुट विपक्ष का सामना नहीं करना पड़ेगा। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के कूदने से इस सीट पर पूरे झारखंड की नजर होगी। भाजपा को यहां बाबूलाल के साथ-साथ भाकपा माले से भी लड़ना होगा। पिछले चुनाव में यहां माले दूसरे नंबर पर थी, जबकि झाविमो प्रत्याशी प्रणव वर्मा तीसरे नंबर पर। प्रणव वर्मा अब भाजपा में हैं। डॉ. रवींद्र कुमार राय ने माले के राजकुमार यादव को 98 हजार से अधिक वोटों से हराकर पिछली बार इस सीट पर कब्जा किया था।

विपक्ष का यहां पूरी तरह से एकजुट न होना भाजपा के हित में समझा जा रहा है। बाबूलाल एवं माले दोनों का यहां मजबूत जनाधार है, लेकिन दोनों में तालमेल नहीं होने से फायदा भाजपा को हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में बरकट्ठा से झाविमो के टिकट पर जीते जानकी यादव के भाजपा में शामिल होने का भी लाभ पार्टी को यहां मिलेगा। हजारीबाग जिले का बरकट्ठा प्रखंड कोडरमा लोस क्षेत्र में है।

डुमरी एवं निरसा विधानसभा क्षेत्र में जीत भाजपा का सपना: तीनों लोकसभा क्षेत्रों में भले भाजपा की बादशाह है, लेकिन इसके 18 में से दो विधानसभा सीट डुमरी एवं निरसा पर जनसंघ काल से लेकर आज तक भाजपा जीत नहीं सकी है। यही कारण है कि इन दोनों सीटों को प्रदेश भाजपा ने सी ग्रेड में रखा है। पिछले चुनाव में निरसा में भाजपा जीत के करीब पहुंचकर पिछड़ गई थी तो डुमरी में तमाम प्रयोग के बावजूद भाजपा की स्थिति मजबूत नहीं हो सकी है। वहीं बगोदर एवं झरिया सीट को भाजपा बाहरी प्रत्याशी देकर सी ग्रेड से ए ग्रेड वाली सीटों में बदल चुकी है।

गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले विधानसभा क्षेत्र व विधायक

1 गिरिडीह - निर्भय कुमार शाहाबादी भाजपा

2 डुमरी - जगरनाथ महतो झामुमो

3 बेरमो - योगेश्वर महतो बाटुल भाजपा

4 गोमिया - बबीता देवी झामुमो

5 बाघमारा - ढुलू महतो भाजपा

6 टुंडी - राजकिशोर महतो आजसू

धनबाद लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले विधानसभा क्षेत्र व विधायक

1 धनबाद : राज सिन्हा भाजपा

2 झरिया : संजीव ¨सह भाजपा

3 निरसा : अरूप चटर्जी मा‌र्क्सवादी समन्वय समिति

4 ¨सदरी : फूलचंद मंडल भाजपा

5 बोकारो : विरंची नारायण भाजपा

6 चंदनकियारी : अमर बाउरी भाजपा

कोडरमा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले विधानसभा क्षेत्र व विधायक

1 कोडरमा : डॉ. नीरा यादव भाजपा

2 बरकट्ठा : जानकी यादव भाजपा

3 राजधनवार : राजकुमार यादव भाकपा माले

4 बगोदर : नागेंद्र महतो भाजपा

5 जमुआ : केदार हाजरा भाजपा

6 गांडेय : प्रो. जयप्रकाश वर्मा भाजपा


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