न्यायालय की तारीख से मुक्ति का सहज रास्ता लोक अदालत
माननीय झालसा रांची के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के मार्गदर्शन एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के नेतृत्व में आज दिनांक
गिरिडीह : शनिवार को व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक नाथ तिवारी, कुटुंब न्यायालय की प्रधान न्यायधीश रंजना अस्थाना, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रामबाबू गुप्ता, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दुर्गा पांडेय, सचिव चुन्नूकांत, अपर समाहर्ता राकेश दूबे ने संयुक्त रूप से किया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि न्यायालय से मिलने वाली तारीख से मुक्ति का सहज रास्ता राष्ट्रीय लोक अदालत है। यहां पक्षकार पहुंचकर मामले में निश्शुल्क समझौता कर न्यायालय से मिलने वाली तारीख से छुटकारा पा सकते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में किए गए समझौते का न उच्च न्यायालय में अपील दायर होती है न ही सर्वोच्च न्यायालय में। यहां किसी भी पक्ष की जीत व हार नहीं होती। अदालत से न्याय प्राप्त कर दोनों पक्ष पुराने गिले-शिकवे को भूलकर वापस लौटते हैं।
दुर्घटना बाद के 7 दावेदारों को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने चेक प्रदान किया। रंजना अस्थाना ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पारिवारिक विवाद से संबंधित अधिकांश मामले को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से समाप्त कर परिवारिक जीवन में सामंजस्य स्थापित करने का कार्य किया जाता है। रामबाबू गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का एक ऐसा मंच है जहां पर आपस में मिलकर अमन व शांति का बीजारोपण किया जाता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समझौता को लेकर 9 पीठों का गठन किया गया जिसमें बैंक, विद्युत, उत्पाद, माप तोल, अपराधिक वाद से संबंधित मामलों का निष्पादन किया गया। कुल 473 मामलों का निष्पादन इसमें किया गया। इससे तीन करोड़ 59 लाख 5345 रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई।