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आए थे तलाक देने, ले गए पत्नी को साथ

गिरिडीह : राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार बसने का मामला देखने को मिला। कुटुंब न्यायालय की प

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 08:29 PM (IST)
आए थे तलाक देने, ले गए पत्नी को साथ
आए थे तलाक देने, ले गए पत्नी को साथ

गिरिडीह : राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार बसने का मामला देखने को मिला। कुटुंब न्यायालय की पीठ में तलाक देने आए पति को उसकी पत्नी के साथ सुलह करा दिया गया। जहां पति न्यायालय से ही बच्चे के साथ पत्नी को विदा कर अपने साथ ले गया। काफी सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रधान न्यायाधीश एससी जायसवाल, प्रभारी प्रधान जिला जज सुनील कुमार ¨सह, रजिस्ट्रार रंजय कुमार के समक्ष सुलह हुआ। दंपती बिरनी थाना क्षेत्र के जनता जरीडीह के मुन्ना राम और जयंती देवी हैं। दूसरे मामले में सुनीता देवी बनाम सुभाष यादव के बीच सुलह कराकर एक साथ जीने का मौका दिया गया। वहीं वृद्ध मां को अपने बेटे का साथ मिल गया। मां ने अपने ही बेटे से तकलीफ होने पर भरण पोषण की मांग की थी। न्यायालय में सुलह कराकर मां को उसका ह़क दिलाया गया। बेटे को आशीर्वाद देते हुए मां ने कहा कि वह खर्च नहीं भी देता तो आशीर्वाद तो बेटे के साथ रहता है। इस पर सभी ने खुशी प्रकट की।

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सुलह से समाज में सौहार्द का होता है माहौल : इसके पूर्व राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन करते हुए कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायधीश एससी जायसवाल ने कहा कि सुलह से समाज में सौहार्द का माहौल बनता है। प्रभारी प्रधान जिला जज सुनील कुमार ¨सह ने कहा कि लोक अदालत से पक्षकारों के बीच भाईचारा बनता है। अपर समाहर्ता अशोक साह ने लोक अदालत के सहयोग पर प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई। डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दुर्गा पांडेय व सचिव चुन्नूकांत ने भी लोगों को संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डालसा के सचिव बीबी गौतम ने चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी दी। लोक अदालत में मोटर वाहन दुर्घटना के चार दावेदारों के बीच 17 लाख का चेक बांटा गया। वही लंबित 80 मामलों का निष्पादन करने के साथ 26 लाख से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई। प्रिलिटिजेसन के 408 बैंक के मामले निपटे जिसमें 95 लाख राजस्व की प्राप्ति हुई।

ये थे मौजूद : राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला जज अर¨बद कुमार पांडेय, सीजेएम योगेश कुमार, एसीजेएम आसिफ इकबाल, न्यायिक दंडाधिकारी निशिकांत, पवन कुमार, बीसी समद, पी उरांव, रवि चौधरी, शंभू महतो समेत बड़ी संख्या में वकील, पीएलवी और पक्षकार मौजूद थे।


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