Move to Jagran APP

माली में फंसे मजदूरों की अधर में वतन वापसी

जागरण संवाददाता गिरिडीह दक्षिण अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग के 33

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 09:45 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:45 PM (IST)
माली में फंसे मजदूरों की अधर में वतन वापसी
माली में फंसे मजदूरों की अधर में वतन वापसी

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : दक्षिण अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग के 33 मजदूरों की वतन वापसी की राह की मुश्किलें अब तक खत्म नहीं हुई है। समझौते के तहत केएंडपी कंपनी से अब तक भारत लौटने के लिए न तो एयर टिकट दिया और न ही ढाई महीने का बकाया मजदूरी उन्हें मिली। जबकि भारतीय दूतावास की पहल पर माली में मजदूरों और कंपनी अधिकारियों के बीच पांच दिन के अंदर टिकट और भुगतान की सहमति बनी थी। पांच दिन की मियाद शनिवार को खत्म हो गई।

loksabha election banner

रविवार सुबह तक कंपनी ने कोई पहल नही की तो मजदूरों ने वीडियो वायरल कर राज्य व केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। प्रवासी मजदूरों के हित मे काम करनेवाले स्थानीय सिकंदर अली ने दैनिक जागरण को बताया कि 33 मजदूरों की वतन वापसी में फिर गतिरोध उत्पन्न हो गया है। 14 श्रमिक गिरिडीह के है। पांच दिनों में कंपनी ने न बकाया उनके बैंक खाता में डाला, न भारत आने को टिकट ही दिया है। सरकार को मजदूरों की परेशानी पर फिर से ध्यान देना चहिए। रविवार शाम तक सभी मजदूर मायूस थे।

सनद रहे कि सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पहले केंद्र सरकार तक पहल की थी कि मजदूरों की वापसी हो जाए। उन्होंने पांच दिन पूर्व ही घोषणा की थी कि मजदूरों का बकाया वेतन मिल गया है। ऐसे में मजदूर फिर से उनकी तरफ आस लगाए बैठे हैं।

भारतीय दूतावास की पहल पर 18 जनवरी को माली में मजदूरों और कंपनी की बैठक हुई। बैठक में दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था। समझौता में कंपनी ने मजदूरों को बकाया वेतन देने पर सहमति जताई थी। 32 मजदूरों को अक्टूबर से ढाई माह का बकाया व शेष डेढ़ माह की बकाया राशि से एयर टिकट खरीदकर मजदूरों को देना था। कंपनी पांच दिनों के अंदर सभी मजदूरों के भारतीय बैंक खाता में भारतीय मुद्रा में वेतन की राशि हस्तांतरित करती। पर, अब तक नहीं की। समझौता पत्र में के एंड पी कंस्ट्रक्शन, के सहायक प्रबंधक दुर्गा प्रसाद, मजदूर पक्ष से रूपलाल महतो, आइएनडीएल वी विजय पांडे, एचओसी राकेश कुमार एसीओ भारतीय दूतावास दिवाकर आदि के हस्ताक्षर हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.