झारखंड आंदोलनकारियों ने किया सांकेतिक उपवास
संस डुमरी (गिरिडीह) झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने सहित 14 सू˜
संस, डुमरी (गिरिडीह): झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने सहित 14 सूत्री मांगों के समर्थन में रविवार को आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले स्व. बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा के पास सांकेतिक उपवास रखा गया। इसमें सरकार से मांगों को पूरा करने की अपील की गई। राजकमल महतो ने कहा कि विडंबना है कि आज सूबे के मंत्री नेता ऐश-ओ-आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उधर, अलग राज्य के आंदोलन में महती भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारी सड़क पर धूप व सर्दी के थपेड़ों में उपवास करने को विवश हैं। लोगों ने अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में भूमिका निभाने वाले तमाम लोगों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देने, चिकित्सा सुविधा देने, आश्रितों को पेंशन व नियोजन का लाभ देने, आंदोलनकारी चिह्निकरण आयोग का पुनर्गठन करने, छूटे हुए आंदोलनकारियों को जोड़ने, निश्शुल्क यात्रा की सुविधा देने, 50 हजार रुपये सम्मान पेंशन देने आदि मांग सरकार से की है। कार्यक्रम में भोला महतो, दुलारचंद महतो, दशरथ मिस्त्री, निर्मल महतो, प्रयाग महतो, बीरेन्द्र प्रसाद, बालचंद महतो, चरन महतो, तुलसी महतो, इंद्रदेव महतो, करमचंद महतो, होरिल महतो, नारायण साव, दशरथ महतो, सुदेश महतो, विजय मेहता, महावीर रविदास, मोहन महतो, बालदेव महतो, संजय चौधरी, रीतलाल महतो, गोपाल महतो, मितन महतो, तालेश्वर महतो आदि उपस्थित थे। बगोदर में भी किया प्रदर्शन संस, बगोदर (गिरिडीह): बगोदर बस पड़ाव में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले रविवार को आंदोलनकारियों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर उपवास रखकर प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि आज झारखंड में अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान करने वाले जननायक शहीद बिरसा मुंडा की जयंती और झारखंड का स्थापना दिवस है। झारखंड अलग राज्य की लड़ाई आंदोलनकारियों ने जेल की यातनाएं झेलकर लड़कर जीत हासिल की। पिछले 20 वर्षों से आंदोलनकारी अपनी मांगों को मौजूदा हुकूमत के समक्ष रख रहे हैं लेकिन कोई भी इस पर गंभीर नहीं है। उनकी मांगों में झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों का दर्जा देने, आंदोलनकारियों के अलावा संपूर्ण परिवार को निशुल्क चिकित्सा शिक्षा एवं बिजली पानी मुहैया कराने एवं पेंशन की सुविधा सुनिश्चित करने, बसों में या फिर ट्रेनों में निश्शुल्क यात्रा सुविधा सुनिश्चित करने, मरणोपरांत राजकीय सम्मान से सम्मानित करना सुनिश्चित करने की मांग शामिल है। मौके पर रूपलाल महतो, मुमताज अंसारी, समीम आजम, टहल महतो, बालेश्वर प्रसाद, वंशी रविदास, सोबरन रविदास, मोहम्मद जाहिर, खगेंद्र महतो, प्रयाग साव, बलराम चौरसिया, समसुल खान, टेको महतो, एकराम, मंगर कोल, नेहरू कोल, इकराम अंसारी, एहसान अहमद, फूलचंद्र महतो, सुरेंद्र महतो, दिनेश्वर रविदास समेत कई लोग शामिल थे।