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पारसनाथ पर्वत पर जैन तीर्थयात्री की मौत, सामने आया डोली मजदूरों का अमानवीय चेहरा Gridih News

डोली मजदूरों ने शव को नीचे लाने के लिए 22 हजार रुपए की मांग की। एम्बुलेंस को पहाड़ पर ले जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 02:25 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 02:25 PM (IST)
पारसनाथ पर्वत पर जैन तीर्थयात्री की मौत, सामने आया डोली मजदूरों का अमानवीय चेहरा Gridih News
पारसनाथ पर्वत पर जैन तीर्थयात्री की मौत, सामने आया डोली मजदूरों का अमानवीय चेहरा Gridih News

गिरिडीह, जेएनएन। जैन तीर्थस्थल पारसनाथ पर्वत की वंदना के क्रम में सोमवार की सुबह करीब 11 बजे तीर्थयात्री राजू भाई मेहता की मृत्यु हो गई। 67 वर्षीय मेहता की माैत का कारण दिल का दाैरा बताया जा रहा है। वह पुणे से के मुंडारा के रहने वाले थे।

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मेहता अपनी पत्नी और बेटे के साथ पुणे के करीब दो सौ तीर्थयात्रियों के दल के साथ रविवार को मधुबन पहुंचे थे। सोमवार अहले सुबह करीब तीन बजे सभी पारसनाथ पर्वत की वंदना करने निकले। चौपड़ा कुंड के पास पहुंचने के क्रम में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई। पर्वत पर उन्हें तत्काल चिकित्सा मुहैया नहीं कराया जा सका। पहाड़ से नीचे लाने की कोशिश की जा रही थी। इसी दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। पहाड़ से शव नीचे उतारने में भी काफी परेशानी हुई।

सामने आया डोली मजदूरों का अमानवीय चेहराः डोली मजदूरों ने शव को नीचे लाने के लिए 22 हजार रुपए की मांग की। एम्बुलेंस को पहाड़ पर ले जाने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी। करीब दोपहर एक बजे शव को डोली मजदूरों ने नीचे उतारा। पिछले एक महीने में तीन एवं एक साल में 11 जैन तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।


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