शाहिदा की मौत की जांच के लिए टीम गठित
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : देर से ही सही, सदर अस्पताल प्रबंधन को सदर अस्पताल में गत 12 अगस्
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : देर से ही सही, सदर अस्पताल प्रबंधन को सदर अस्पताल में गत 12 अगस्त को हुई गर्भवती महिला की मौत मामले की जांच करने की सूझी। उपाधीक्षक ने आदेश जारी कर बताया कि इस मामले की जांच तीन सदस्यीय चिकित्सकों की टीम करेगी। इसमें चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शशि भूषण चौधरी, डॉ. बालानंद झा एवं डॉ. गो¨वद प्रसाद को शामिल किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि 13 अगस्त को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर चिकित्सक की लापरवाही से सदर अस्पताल में गर्भवती एवं नौ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत की जांच के लिए इस कमेटी का गठन किया गया है। इस टीम का गठन मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी की तरफ से 25 अगस्त को जारी आदेश के आलोक में किया गया है। टीम को आदेश दिया गया है कि दो दिनों के अंदर इसकी जांच रिपोर्ट कार्यालय को उपलब्ध कराएं। प्रशिक्षु आइएएस व एसडीओ ने की थी जांच: कोलडीहा निवासी मोहम्मद सलीम की पत्नी 30 वर्षीय शाहिदा खातून के साथ ही उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत चिकित्सक की लापरवाही के कारण हो गई थी। उसकी मौत के बाद आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने बगैर पोस्टमार्टम कराए शव घर भेज दिया था। घटना की सूचना मिलने के बाद पहले तो प्रशिक्षु आइएएस सह नोडल पदाधिकारी प्रेरणा दीक्षित एवं एसडीओ विजया जाधव अस्पताल पहुंचकर मामले की पड़ताल की थी। जांच के क्रम में मृतक के पति सलीम ने बताया था कि उसकी पत्नी गर्भवती थी। जब उसे प्रसव पीड़ा होने लगा तो सुबह 9.10 बजे लेकर सदर अस्पताल आया। यहां वरीय एएनएम आशा देवी ने उससे कहा कि पहले बांड भरकर दे, तभी प्रसूता को भर्ती कराकर उसका प्रसव कराया जाएगा। इसी बीच उसे उल्टी होने लगी। काफी आग्रह करने के बाद एएनएम ने महिला डॉक्टर को फोन पर इसकी सूचना दी। फोन पर ही उसे कहा गया कि अभी उसे उल्टी रोकने के लिए एसी लॉग इंजेक्शन दे दो। जब उसने देखा कि उसकी पत्नी को देखने के लिए कोई चिकित्सक नही आ रही है, तो वह उसे निजी नर्सिग होम ले गए। वहां डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित कर दिया। दो घंटे बाद आई थी चिकित्सक: शाहिदा की मौत की सूचना के बाद जांच को आए प्रशिक्षु आइएएस को उपाधीक्षक डॉ. बीएन झा ने बताया था कि डयूटी पर डॉ. सर्जना शर्मा को लगाया गया था। जांच में खुलासा हुआ था कि शाहिदा सुबह 9.10 बजे अस्पताल लाई गई। इसके तुरंत बाद डयूटी में तैनात वरीय एएनएम आशा देवी ने इसकी सूचना डॉ. सर्जना शर्मा को मोबाइल पर दी, लेकिन डॉक्टर 11.45 बजे अस्पताल आई।