अवैध नर्सिग होमों पर गिरी गाज, छह सील
गिरिडीह : लोगों के स्वास्थ्य के खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ रविवार को बड़ी कार्रवाई क
गिरिडीह : लोगों के स्वास्थ्य के खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ रविवार को बड़ी कार्रवाई की गई। सदर एसडीओ विजया जाधव ने प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. कमलेश्वर प्रसाद के साथ मिलकर शहर में बगैर निबंधन के संचालित छह नर्सिग होम को सील कर दिया। इसके अलावा संबंधित केंद्रों के छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसमें एक सदर अस्पताल से सेवानिवृत्त डॉ. नेसार अहमद भी शामिल हैं। कार्रवाई के दौरान डॉ. नेसार को छोड़ सभी के संचालक मौके से फरार हो गए। साथ ही इन केंद्रों में इलाजरत मरीजों को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया। कई नर्सिंग होम में एक्सपायरी दवा भी जब्त की गई।
जगजीवन सेवा सदन में दर्जनभर लोगों के आधार कार्ड की कॉपी के साथ सादा स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर किए कागजात भी बरामद किए गए। इस क्रम में मोहनपुर के स्टार हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर बंद पाया गया। इसके बावजूद उसे भी सील करने का आदेश दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई से झोला छाप डाक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है।
हिरासत में लिए गए साहिल नर्सिंग होम के मालिक : छापेमारी की कार्रवाई बोड़ो स्थित साहिल नर्सिंग होम से शुरू की गई। यहां पहुंचने के साथ ही एसडीओ ने पहले नर्सिंग होम संचालित करने से संबंधित कागजातों की मांग की, जो मौके पर मौजूद इसके मालिक कमरूद्दीन अंसारी उपलब्ध करा सका। उसने बताया कि उसके पास एमबीबीएस को डिग्री नहीं है। इसका संचालन डॉ. पी नैयर किया करते थे, जो इन दिनों दूसरे स्थान पर क्लिनिक चला रहे हैं। इसके बाद मरीजों का हाल देखने के लिए वार्ड में गई। जहां बायोबेस्ट कचरों को जहां-तहां फेंका गया था। यहां इलाज करा रहे हैदर अली, अन्नू किर्तिकार, बेंगाबाद लूपी के जागो पंडित, बुढि़याडाको निवासी चुरामनी देवी को तत्काल सदर अस्पताल भेज दिया गया। इन मरीजों ने बताया कि संचालक द्वारा मोटी रकम इलाज के लिए ली गई है। बाद में इसे सील कर दिया गया।
मोहनपुर स्टार हास्पिटल रहा बंद : साहिल के बाद एसडीओ का काफिला मोहनपुर स्थित स्टार हास्पिटल एंड रिचर्स सेंटर पहुंचा। इसमें आगे से ताला लगा था, जिसे पहले तो खुलवाने का प्रयास किया गया। जब इसमें सफलता नहीं मिली तब सेंटर में लगे बोर्ड पर अंकित मोबाइल नंबरों पर फोन किया गया। काफी देर बाद इसके संचालक डॉ. पी नैयर से बात की गई। इसके बाद एसडीओ इसे भी सील करने का आदेश देते हुए जगजीवन सेवा सदन पहुंची।
जगजीवन सेवा सदन से जमीन के कागजात भी बरामद :
बोड़ों के जगजीवन सेवा सदन में छापेमारी के दौरान ललन कुमार राय नामक युवक को हिरासत में लिया गया। उसने अपने को यहां के कंपाउंडर बताया, हांलाकि उसने यह भी कहा कि उसके पास कोई डिग्री-डिप्लोमा नहीं है। यहां जमुआ पोबी की बुंदया देवी नामक वृद्ध इलाज कराने के लिए बैठी थी। पूछने पर उसने बताया कि रांची से डॉ. तुलसी महतो इलाज करने के लिए आते हैं। अभी उन्हें सूचना दी गई है। वैसे यहां डॉ. के सरकार बराबर बैठते हैं, लेकिन दो दिनों से वह नहीं आ रहे हैं। अभी उसने इस महिला को तत्काल दवा दे दी है। जिस कमरे में वह रहता है, उसमें से दर्जनभर लोगों के आधार कार्ड की प्रति एवं सादा स्टांप पेपर पर लोगों के हस्ताक्षर किए गए कागजात जब्त किए गए। सभी कागजात जमीन से संबंधित थे। कई एक्सपायरी दवा भी बरामद की गई। मौके पर जमुआ के बेहराबाद निवासी विजय कुमार यहां आया जिसे यहां का पूर्व कंपाउंडर बताया गया। पूछताछ के बाद उसे भी हिरासत में ले लिया गया। ललन ने इस सेवा सदन का संचालक सिहोडीह निवासी ठाकुर वर्मा को बताया।
बाबा क्लिनिक का संचालक धराया :
मोहनपुर में संचालित बाबा क्लिनिक के डॉ. नेसार अहमद को बगैर डिग्री एवं निबंधन के इसे संचालित करने के आरोप में मौके से ही गिरफ्तार किया गया। यह क्लिनिक उनके आवासीय परिसर में संचालित हो रहा था। वह सदर अस्पताल के कुष्ठ विभाग से बतौर सहायक वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद 2014 से इसका संचालन अपने घर में कर रहे थे। बाद में उन्हें हिरासत में लेकर संस्थान को सील कर दिया गया।
वर्मा नर्सिग होम से कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद : सिरसिया स्थित वर्मा नर्सिग होम में कार्रवाई के दौरान कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। इसके संचालक डॉ. शशि भूषण प्रसाद मौके से फरार थे। यहां से इंटर पास होने के बाद कंपाउंडर का कम कर रहे लखीसराय बिहार निवासी रंजन कुमार एवं नर्स के रूप में कार्यरत मुफस्सिल थाना क्षेत्र के द्वारपहरी की सुधारानी वर्मा को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया। यहां लकवा का इलाज करने वाले नर्सिंग के स्टाफ के कमरे से छह मोबाइल सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। साथ ही इलाजरत मरीज मटरूखा निवासी इंद्र मंडल, बेकोबाद के हरखू महतो, गावां के सुंदर तुरी, बरवाडीह के मोहम्मद फकरूद्दीन अंसारी को सदर अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया। इसके बाद सिहोडीह स्थित राधिका हॉस्पिटल को भी बगैर निबंधन के संचालित किए जाने के आरोप में सील कर दिया गया।