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अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं हुलास व प्रसादी महतो

गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले प्रसादी महतो एवं हुलास महतो बिहार के मधेपुरा के मंटू सिंह समेत चार मजदूर अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 11:40 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 11:40 PM (IST)
अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं हुलास व प्रसादी महतो
अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं हुलास व प्रसादी महतो

गिरिडीह : गिरिडीह जिले के बगोदर के रहने वाले प्रसादी महतो एवं हुलास महतो, बिहार के मधेपुरा के मंटू सिंह समेत चार मजदूर अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं। वहीं अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते के बाद जिन तीन भारतीयों को पिछले दिनों रिहा किया गया था उनमें हजारीबाग के टाटीझरिया के रहने वाले मजदूर काली महतो एवं केरल के दो इंजीनियर मुरलीधरन एवं राजन कौशिक शामिल हैं। तीनों के परिजन दिल्ली जाकर तीनों से मिलकर इसकी पुष्टि कर चुके हैं। नियोजन देने वाली कंपनी केईसी इंटरनेशनल के एक एजेंट एवं काली महतो से मिलकर दिल्ली से लौटीं हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी ने यह जानकारी रविवार की शाम दैनिक जागरण को दी है।

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काली महतो की पत्नी पेमिया देवी व पुत्र चितामन महतो के अलावा हुलास महतो की पत्नी प्रमिला देवी एवं प्रसादी महतो की पत्नी मूलिया देवी को लेकर कंपनी के एक एजेंट फ्लाइट से दिल्ली गए थे। सभी की रिहा किए गए तीनों भारतीयों से वहां मुलाकात कराई गई। काली महतो की पत्नी व बेटे को कंपनी के अधिकारियों ने वहां ठहराया है जबकि हुलास एवं प्रसादी की पत्नी रविवार को लौट गई। मधेपुरा के मंटू सिंह के परिजन भी दिल्ली से अपने घर लौट गए हैं। हुलास की पत्नी प्रमिला ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि तालिबान के कब्जे से प्रसादी एवं हुलास दोनों की सकुशल रिहाई कराई जाएगी। काली महतो ने प्रमिला को बताया कि अगवा आठों लोगों जिनमें एक अफगानी चालक भी है को तालिबान ने एक साथ रखा था। पहले प्रकाश की रिहाई की गई। इसके बाद उसे एवं केरल के दोनों इंजीनियरों को छोड़ा गया। किसी को यातना नहीं दी गई थी।

विदित हो कि अफगानिस्तान के बघलान प्रांत में भारतीय कंपनी केईसी में कार्यरत सात भारतीय मजदूरों व एक अफगानी चालक कुल आठ लोगों को तालिबान ने 6 मई 2018 को अगवा कर लिया था। अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता वार्ता के दौरान सबसे पहले गिरिडीह जिले के बगोदर निवासी प्रकाश महतो को 17 मार्च 2019 को रिहा कर दिया गया था। अभी कुछ दिन पूर्व अगवा भारतीयों में से तीन और को रिहा किया गया है।


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