यहां बिना रंग-गुलाल के मनाई जाती होली, चांदनी रात नहलाती है भक्तों को
मधुबन की होली कुछ खास है। यहां की होली रंग-गुलाल में नहीं बल्कि आध्यात्म में रंगी होती है।
संवाद सहयोगी, पारसनाथ (गिरिडीह): मधुबन की होली कुछ खास है। यहां की होली रंग-गुलाल में नहीं, बल्कि आध्यात्म में रंगी होती है। फाल्गुन पूíणमा की दूधिया रोशनी में भजन करते हुए श्रद्धालु अपने आराध्य को निहारते हुए पूरी रात गुजार देते हैं। इस अवसर पर जैन श्वेतांबर सोसायटी व भोमिया भवन में रात्रि जागरण का आयोजन होता है। रात्रि जागरण के लिए दर्जनाधिक भजन मंडलियां यहां पहुंचती हैं।
शुरू हुआ श्रद्धालुओं का आगमन: होली के लिए मंगलवार से ही मधुबन में जैन तीर्थयात्रियों का पहुंचना शुरू हो गया है। तड़के ही पारसनाथ स्टेशन से श्रद्धालुओं का जत्था मधुबन की ओर जाने लगा था। मधुबन की सभी छोटी-बड़ी धर्मशालाएं व मंदिर सजधज कर तैयार हैं।
बताया जाता है कि प्रतिवर्ष होली के अवसर पर हजारों की संख्या में देश भर से जैन धर्मावलंबी यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं। जैन श्वेतांबर सोसायटी स्थित भोमिया बाबा का दरबार पूरी तरह सजधज कर तैयार है। इस मंदिर को इस कदर सजाया संवारा गया है कि देख कर लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। स्त्री व पुरूष के प्रवेश के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए हैं। श्री दिगंबर जैन तेरहपंथी कोठी, त्रियोग आश्रम आदि भी सजधज कर तैयार हैं।
धर्मशालाओं में जगह नहीं: आयोजन में हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालुओं ने धर्मशालाओं के कमरों की अग्रिम बुकिग करा रखी है। 21 मार्च तक भक्तों का जत्था यहां पहुंचता है।
सजग रहेगी पुलिस: यात्रियों की जबर्दस्त भीड़ में बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए मधुबन पुलिस ने भी रणनीति तय कर ली है। सड़कों पर जाम न लगे, साथ ही साथ यहां आने वाले किसी तीर्थयात्री को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसका खास ख्याल रखा जाएगा। पारसनाथ रेलवे स्टेशन से मधुबन के बीच एस्कॉर्ट पार्टी भी तैनात रहेगी। मधुबन थाना प्रभारी रावतु होनहाग ने बताया कि यहां पहुंचने वाले सभी लोगों की सुरक्षा को पुलिस तत्पर है।