Move to Jagran APP

ढिबरा मुठभेड़ में शामिल चार नक्सली दोषी करार

सरगना रणवीर दा साक्ष्य के आभाव में हुआ रिहा -2010 में हुए मुठभेड़ में एक नक्सली हुआ था जख्मीपुलिस से लूटा रायफल हुआ था बरामद जागरण संवाददाता गिरिडीहजिला जज चार डीएन मिश्रा की अदालत ने मंगलवार को चार नक्सलियो को पुलिस पर जानलेवा हमला करने नक्सली धाराओ और आ‌र्म्स एक्ट के साथ सरकारी काम मे बाधा उत्पन्न करने के आरोप में दोषी करार दिया।दोषी करार दिए गए नक्सलियो में छोटू दासजानकी तुरीमुंशी उर्फ आकाश तुरी और जगदीश तुरी शा

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:20 AM (IST)
ढिबरा मुठभेड़ में शामिल चार नक्सली दोषी करार
ढिबरा मुठभेड़ में शामिल चार नक्सली दोषी करार

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : जिला जज चार डीएन मिश्रा की अदालत ने मंगलवार को चार नक्सलियों को पुलिस पर जानलेवा हमला करने, नक्सली धाराओं और आ‌र्म्स एक्ट के साथ सरकारी काम मे बाधा डालने के आरोप में दोषी करार दिया। दोषी नक्सलियों में छोटू दास, जानकी तुरी, मुंशी उर्फ आकाश तुरी और जगदीश तुरी शामिल है। इस कांड के सरगना रणवीर उर्फ नागो दा को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा किया गया। दोषी करार दिए गए चारों नक्सलियों को न्यायिक हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इन चारों के सजा की बिदु पर सुनवाई 25 नवंबर को होगी। घटना डुमरी थाना क्षेत्र के ढिबरा गांव की है।

loksabha election banner

डुमरी के तत्कालीन थाना प्रभारी राजीव कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 22 मई 2010 को सूचना मिली थी कि माओवादी रणवीर उर्फ नागो दा का दस्ता क्षेत्र में मौजूद है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। इसे लेकर एक पुलिस टीम का गठन किया गय। जैसे ही ढिबरा गांव पुलिस पहुंची और तलाशी लेने लगी तो नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी। जवाबी फायरिग में एक व्यक्ति घायल हो गया था। पकड़े जाने पर उसने अपना नाम छोटू दास बताया था। उसके पास से पुलिस का लूटी हई ा 303 बोर का राइफल और कारतूस बरामद किया गया। तीन अन्य नक्सलियों को वहां से गिरफ्तार किया गया।

सरगना रणवीर मौके से गिरफ्तार नहीं हुआ था। वह बाद में दूसरे जगह से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे रिमांड पर लिया गया था।

----------------

पुलिस की गवाही ने किया मामले को साबित :

राज्य सरकार ने इस मामले को स्पीडी ट्रायल में चयनित किया था। अभियोजन के तरफ से मामले में 11 गवाहों का परीक्षण कराया गया। इसमें सूचक सह वर्तमान में पुलिस निरीक्षक राजीव कुमार,आबिद खान समेत सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया। साथ ही गिरफ्तार नक्सलियो को न्यायालय में पहचाना। कहा कि घायल नक्सली छोटू के साथ सभी मुठभेड़ में शामिल थे।

----------------- छोटू रिक्शा चालक से बना था हार्डकोर

दोषी करार दिए गए छोटू दास मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के पपरवाटांड़ का रहने वाला है। गिरफ्तारी से एक साल पूर्व तक वह रिक्शा चलाकर परिवार चलाता था। उसकी मुलाकात मनोज मरांडी से हुई। मनोज उसे नक्सलवाद में लाया। मनोज ने उसकी मुलाकात रणवीर उर्फ नागो दा और संतोष किस्कू से कराई थी। कुछ दिनों में वह संगठन का सक्रिय सदस्य बन गया था। संगठन में नागो दा उर्फ रणवीर और आकांक्षा दी कि निर्देश पर वह काम करता है। बताया था कि नागो दा काफी मोटा हो गया है। इसलिए वह लेवी वसूलने, राशि रखने के साथ बम बनाने और लैंड माइंस लगाने की ट्रेनिग देता था। आकांक्षा भी ट्रेनिग देती थी। संगठन में खर्च के लिए रणवीर दा ही रुपए देता था। नागो दा के दस्ते में संतोष मांझी, अरबिद, मनोज राय, दिनेश, दीपक, नबी मियां, बबलू, आकांक्षा, सुनीता, संगीता समेत कई शामिल हैं।दस्ते में एसएलआर, रायफल समेत घातक हथियार रहता है। बताया था कि दलाली के आरोप में पीरटांड़ के चौकीदार छोटू मांझी की हत्या नागो दा के दस्ते ने किया था। साथ ही नागो दा और आकांक्षा दी के कहने पर गुमदा नाला के पास लैंड माइंस लगाकर पुलिस टीम को उड़ाया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.