गिरिडीह में कर्ज के बोझ तले दबे किसान ने की आत्महत्या
केसीसी ऋण का भुगतान नहीं कर पाने पर एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जासं, गिरिडीह। बैंक से मिला केसीसी ऋण का भुगतान नहीं कर पाने पर एक किसान ने बुधवार शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना बेंगाबाद प्रखंड अंतर्गत छोटकी खरगडीहा की है।
बताया गया है कि छोटकी खरगडीहा निवासी कैलाशपति राणा (50) दुर्गापूजा के अवसर पर अपने पुत्र और भतीजे द्वारा भेजे गए पैसों की निकासी करने पत्नी के साथ छोटकी खरगडीहा स्थित बैंक आफ इंडिया गए थे, लेकिन बैंक प्रबंधक दीपक वर्मा ने पैसे की निकासी पर रोक लगा दी। साथ ही, कहा कि इस राशि को केसीसी ऋण में जमा कर दिया गया है। इस दौरान किसान के साथ प्रबंधक की बहस भी हुई। इसके बाद घर लौटने पर राणा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
किसान के पुत्र नितिश राणा ने बताया कि उसका चचेरा भाई सतीश राणा और बड़े भाई वीरेंद्र राणा सूरत में काम करते हैं। भाइयों ने दुर्गापूजा पर घर के सदस्यों के लिए कपड़ा और अन्य सामान खरीदने के लिए 4500 रुपये भेजे थे। उसी पैसे की निकासी के लिए पापा पूजा के पहले बैंक गए थे, पर बैंक प्रबंधक ने पैसा देने से मना कर दिया। इसके बाद वीरेंद्र ने पुन: दो हजार रुपये उनके खाते में भेजा। पूजा की छुट्टी के बाद बैंक जाने पर बताया गया कि पैसे की निकासी पर रोक लगा दी गई है।
प्रबंधक ने कहा कि नियमानुसार ऋण चुकता होने के बाद ही पैसे की निकासी हो सकती है। बेंगाबाद थाना प्रभारी नीरज सिंह ने बताया कि किसान के आत्महत्या करने की सूचना मिली है, लेकिन बैंक में हुए विवाद की जानकारी नहीं है। परिजनों ने अभी कोई लिखित शिकायत नहीं की है। मृतक के दो पुत्र बाहर से आने वाले हैं। इसके बाद गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा जाएगा। इस संबंध में संपर्क करने के बावजूद बैंक प्रबंधक दीपक वर्मा का पक्ष नहीं मिल पाया है।
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