सरिया-बगोदर में छह लोगों की जान ले चुका है हाथी
प्रखंड की दर्जनों पंचायत में निवास करनेवाले हजारों लोगों की नींद इन दिनों गजराज के भय से हराम हो गई है।
सरिया : प्रखंड की दर्जनों पंचायत में निवास करनेवाले हजारों लोगों की नींद इन दिनों गजराज के भय से हराम हो गई है। वे भय व आतंक के साए में रात को अपने घरों के अंदर दुबककर सो रहे हैं। कई ग्रामीण हाथियों के गांव में प्रवेश करने के डर से हाथों में मशाल, पटाखे आदि लेकर रतजगा कर पहरेदारी कर रहे है। हाथियों ने बीते 2 से 3 वर्षों के अंदर सरिया में 3 लोगों की जान ले ली है। इसमें ऊर्रो, पावापुर एवं धोवारी के ग्रामीण शामिल हैं।
बगोदर प्रखंड के सिर्फ कोसी गांव में 3 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। प्रत्येक वर्ष लगभग तीन से चार माह 12 से 13 हाथियों का झुंड सरिया, बगोदर एवं बिरनी के क्षेत्रों में भ्रमण करता है। इस दौरान अगर हाथियों का झुंड बिरनी क्षेत्र में प्रवेश करता है तो वहां के वन विभाग की टीम उन्हें सरिया प्रखंड की ओर भगा देती है। वहीं सरिया में प्रवेश करने पर टीम बगोदर या डुमरी प्रखंड की ओर उन्हें खदेड़ने का काम करती है। इस प्रकार हाथियों का झुंड इसी क्षेत्र में भ्रमण करता रहता है। इस दौरान इलाके में गेहूं, धान, मक्का आदि की फसलों को बुरी तरह से बर्बाद करने के अलावा लोगों के घरों में तोड़फोड़ कर वहां रखे अनाज को चट कर जाते हैं। गलती से कोई उसके सामने आ गया तो उसे कुचलकर जान लेने में भी हाथी कोई कमी नहीं छोड़ते हैं । इस कारण मजबूरन लोग हाथियों के डर से भय व डर के साए में जी रहे हैं । सबसे ज्यादा डर जंगलों के किनारे बसे ग्रामीणों को लगा रहता है।
अगर पिछले 4 से 5 साल के इतिहास को उठा कर देखा जाए तो प्रत्येक साल हाथियों का झुंड सरिया प्रखंड के चंद्रमारणी, पावापुर, कैलाटांड़, धोवारी, चौधरीडीह, श्रीरामडीह, मंदरामो, परसिया आदि के इलाकों में विचरण करने के लिए पहुंच जाते हैं।