हाथियों के आतंक से गांव छोड़ हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन में डाला बसेरा
सरिया अनुमंडल क्षेत्र के कौंजिया गांव में बीते सोमवार की रात हाथियों के दो लोगों को कुचलकर मार दिए जाने के बाद गांव के लोगों में दहशत है।
किशुन कुशवाहा, सरिया : सरिया अनुमंडल क्षेत्र के कौंजिया गांव में बीते सोमवार की रात हाथियों के दो लोगों को कुचलकर मार दिए जाने के बाद गांव के लोगों में दहशत है। हाथियों का झुंड के दहशत से कौंजिया के 16 परिवार के लगभग डेढ़ सौ सदस्यों ने गांव छोड़कर मंगलवार की देर शाम हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन के पास अपना डेरा जमा लिया है।
की खामियां लेकिन यह सच है कि सरिया अनुमंडल मुख्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोंझिया गांव तकनीकी रूप से बगोदर प्रखंड के अंतर्गत आता है। वहां दर्जनों परिवार खुली छत के नीचे जीवन बसर दो दशकों से करने को मजबूर हैं। यहां के निवासियों के पास न आधार कार्ड है, ना राशन कार्ड है और ना ही अपना कहने को छत। बगोदर व सरिया के बीचोंबीच स्थित यह गांव प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यहां के लोगों की मानें तो यह परिवार यहां लगभग 20 वर्षों से रह रहा है। बीती रात इनमें से एक बच्ची व एक महिला खुले आसमान के नीचे सो रही थीं जिन्हें हाथियों ने कुचलकर मार दिया था। इस कारण इस गांव के सभी महिला-पुरुष, बच्चे गांव से पलायन कर हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन में शरण लिए हुए हैं। लोगों ने बताया कि कुछ माह पूर्व उनके परिवार की एक बच्ची का सरिया अस्पताल में उचित इलाज के अभाव में देहांत हो गया था। इन परिवारों का कहना है कि इतने साल यहां गुजर गए लेकिन प्रशासन की नजर उन पर कभी नहीं गई। राशन कार्ड और आधार कार्ड से महरूम रहने की वजह से इन्हें कोई सरकारी सुविधा भी मयस्सर नहीं है। ऐसे में पहले ही इनका जीना मुहाल था। अब उपर से जंगली जानवरों के कहर से ये परेशान हैं। धर्मेंद्र माल पहाड़िया ने कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्यों का मुख्य पेशा पीतल के बर्तन (डब्बू, पैला) बनाकर गांव-गांव में बेचना है। कुछ परिवार मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करते हैं। इसमें कुछ लोगों को आधार कार्ड व वोटर कार्ड उपलब्ध है जबकि सरकार से मिलनेवाली अन्य सुविधाओं से वे वंचित हैं। खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के लाभ से भी वे वंचित हैं। रामचरित मल पहाड़िया ने कहा कि वहां रहनेवाले पहाड़िया समुदाय के लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रखंड मुख्यालय पहुंचते हैं तो वहां उनसे 50 रुपये की मांग की जाती है। रुपए के अभाव में वे कई बार प्रखंड मुख्यालय से वापस आ गए। आधार कार्ड नहीं होने के कारण उनके बच्चे विद्यालय से भी वंचित रह रहे हैं। लोगों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें सरकार से उन्हें दी जानेवाली योजनाओं का लाभ मिले। अस्थाई रूप से आवास उपलब्ध कराई जाए। गांव छोड़कर स्टेशन परिसर में शरण लेनेवालों में गोविद मल पहाड़ी, अजीतमल पहाड़ी, शांति देवी, सुमन देवी, विजय मल पहाड़ी, इंद्रदेव पहाड़ी, विक्की मल पहाड़ी, शक्ति मल पहाड़ी, सेठी मल्हार, सुमंती देवी, लूटन मल पहाड़ी, अजीत मल्हार, दीपनारायण मल पहाड़ी, विक्रम मल पहाड़ी सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
सरिया के अनुमंडल पदाधिकारी राम कुमार मंडल ने कहा कि अनुमंडल क्षेत्र के वैसे गरीब तबके के लोग जो आधार कार्ड व राशन कार्ड आवास जैसी सुविधाओं से वंचित हैं उन्हें सिस्टम के तहत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।