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विकास हुआ लेकिन रोजगार की व्यवस्था जरूरी

स्थान गिरिडीह का बस पड़ा। वक्त दो बजकर आठ मिनट का। बस पडाव के अंदर श्रीशांडिल्य नामक यात्री बस लगी हुई है और चालक बस में बैठ चुका है। यात्री भी अपने गंतव्य को जाने को लेकर अपनी-अपनी सीट पर बैठे थे और कुछ गाडी स्टार्ट होने के बाद हडबड़ी में सवार हो गए। वाहन दो मिनट बाद बस पड़ा से कोड़रमा जिले के सतगांवा बासोडीह जाने के लिए खुल गई। मैं भी लपककर बस में सवार हो गया। सामने की सीट पर दो व्यक्ति बैठे थे। वहीं उन्हें सरका कर मैं भी थोडी देर के लिए बैठ गया। बस खुली और

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 08:00 AM (IST)
विकास हुआ लेकिन रोजगार की व्यवस्था जरूरी
विकास हुआ लेकिन रोजगार की व्यवस्था जरूरी

प्रभात कुमार सिन्हा, गिरिडीह

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स्थान गिरिडीह का बस पड़ाव। वक्त दो बजकर आठ मिनट। बस पड़ाव के अंदर श्रीशांडिल्य नामक यात्री बस लगी हुई है। चालक बस में बैठ चुका है। यात्री भी अपने गंतव्य को जाने को लेकर अपनी-अपनी सीट पर बैठे थे। कुछ गाड़ी स्टार्ट होने के बाद हड़बड़ी में सवार हो गए। वाहन दो मिनट बाद बस पड़ाव से कोडरमा जिले के सतगांवा बासोडीह जाने के लिए खुल गई। मैं भी लपककर बस में सवार हो गया। सामने की सीट पर दो व्यक्ति बैठे थे। वहीं मैं भी बैठ गया। बस खुली और रेंगते-रेंगते बस पड़ाव से बाहर मुख्य पथ पर पहुंची फिर रफ्तार पकड़ ली। एक सीट पर बैठे व्यक्ति के पास जाकर अपना परिचय दिया। चुनाव के माहौल के बारे में जानकारी लेने के खयाल से नाम पूछा। वे पप्पू राम थे जो गावां के रहनेवाले थे। कहा कि पांच साल में विकास का काम तो बहुत हुआ है। जर्जर सड़कों की जगह चकाचक सड़कें बन गई हैं। सरकार ने अच्छा काम किया है। जो काम मोदी ने किया है वह आज तक कोई नहीं कर सका है।

मोदी के हर फैसले से देश का सम्मान बढ़ा है और साम्प्रदायिक एकता का मिशाल देखने को मिला है। उनकी बगल वाली सीट पर खरकटवा गांव के जूलियस बेसरा बैठे थे। वे बीच में ही बोल पड़े कि मरांडी के कार्यकाल में काफी विकास हुआ। उनके कार्यकाल में विकास का जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, उसी पर अब तक की सरकारें काम कर रही हैं। वैसे हाल के वर्षों में भी विकास का काम हुआ है लेकिन इसे और आगे ले जाने की जरूरत है। उनके बगल में बैठी महिला गोरती मरांडी पहले कुछ बोलने से कतराती रही लेकिन जोर देने के बाद कहा कि सरकार गैस तो मुफ्त में दे दी लेकिन उसे हर महीने भरवाना काफी महंगा है। गरीब आदमी कहां से इतना महंगा गैस भरा पाएगा? इस कारण लकड़ी ही अब भी सहारा बना हुआ है। इसके आगे वाली सीट पर एक व्यक्ति बैठे थे। उन्होंने अपनी ओर आने का इशारा किया तो उनके पास गया और नाम पूछा। वे मालडा निवासी रंजीत पांडेय थे। कहा कि मोदी व रघुवर के राज में हाल के पांच साल में विकास का ढेर सारा काम हुआ है। इस विकास की गति को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।

युवाओं को शिक्षक, पुलिस व अन्य क्षेत्रों में नौकरी मिली है। अनुबंध पर काम करनेवालों के बारे में सरकार को गंभीरता से सोचने की जरूरत है ताकि उन्हें भी सम्मानजनक मानदेय मिल सके। सरकार को स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल व सिचाई के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में और काम करने की आवश्यकता है।

मोदी ने देश हित में कई अहम फैसले लिए हैं जिस पर गर्व महसूस हो रहा है। भारत की तरफ आंख दिखाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने का काम किया। पास बैठे महादेवडीह निवासी मुनसा सोरेन ने पांच साल में विकास होने की बात पर अपनी हामी भरी। कहा कि सरकार पांच साल में अच्छा काम की है। बेरोजगारों को और रोजगार देने की जरूरत है ताकि रोजी रोजगार के लिए अन्य परदेस को पलायन नहीं करना पड़े। कोई जरूरी नहीं कि सभी को सरकारी नौकरी ही मिले लेकिन रोजगार का बेहतर साधन उपलब्ध कराने का काम करना चाहिए।

कपिल राम, सुरेश कुमार, मोहन मरांडी समेत अन्य युवाओं ने मोदी के कार्यकाल को बेहतर बताते हुए विकास होने की बात कही। यह भी कहा कि पिछले पांच सालों में झारखंड में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने में सरकार ने बेहतर काम किया है। शिक्षा व स्वास्थ्य की गुणवत्ता को और बेहतर करने की जरूरत है। सरकार की कई योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिला है। कच्चे मकान की जगह पक्की मकान मिली, पांच लाख तक की इलाज मुफ्त कराने की कार्ड दी गई। सोनिया टुडू, रमनी देवी, कौशल्या देवी समेत अन्य ने कहा कि सरकार ने पांच साल में बढि़या काम किया है। घर-घर शौचालय बनाने का काम किया है जिस कारण बहू-बेटियों को अब खुले में शौच जाने से निजात मिली है।

सरकार को इन शौचालयों तक पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की जरूरत है। स्वास्थ्य, शिक्षा व पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा। यात्रा के क्रम में एक बात खुलकर सामने आई कि विकास हुआ है और विकास करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देकर विकास करने पर सबों ने जोर दिया। यात्रियों से बात करते-करते काफी दूर निकल गया। बस की सरसराहट व तेज गति के बीच रास्ते का जरा भी ध्यान नहीं रहा। इसी बीच यात्रियों को धन्यवाद देते हुए बस चालक को वाहन रोकने का इशारा किया और बस से उतर गया। बस से उतरते ही वाहन सरपट अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गया।


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