इस मध्य विद्यालय के शिक्षा-संस्कार ऊंचे
कहते हैं जब ²ढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य असम्भव हो ही नही सकता इस बात को उत्क्रमित मध्य विद्यालय कारीटांड़ में देखने को मिल रहा है जो धनवार प्रखण्ड मुख्यालय से लगभग 13 किलोमीटर दूर स्थित है।आज के दौर में जिस प्रकार लोग बच्चों की सुविधा व अच्छी शिक्षा के लिए निजी विद्यालय की ओर दौड़ रहे हैं वे यदि इस विद्यालय का सिर्फ कैम्पस का चक्कर लगा लें तो उनके मन मे बैठा सरकारी विद्यालय के प्रति बैठी गलत धारणाएं समाप्त हो जाएगी। क्या क्या है खासियत
पवन बरनवाल, धनवार : दृढ़इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। यह बात उत्क्रमित मध्य विद्यालय कारीटांड़ पर बिल्कुल फिट बैठती है। इस स्कूल में पढ़नेवाले बच्चों की शिक्षा, उनके संस्कार-व्यवहार को देखकर आश्चर्य होता है कि इस तरह की व्यवस्था भी स्कूल में हो सकती है। कारीटांड़ का यह स्कूल धनवार प्रखंड मुख्यालय से लगभग 13 किलोमीटर दूर है। आज के दौर में जिस प्रकार लोग बच्चों की सुविधा व अच्छी शिक्षा के लिए निजी विद्यालय की ओर दौड़ रहे हैं वे यदि इस विद्यालय के सिर्फ कैंपस का चक्कर लगा लें तो उनके मन में बैठी सरकारी विद्यालयों के प्रति गलत धारणाएं समाप्त हो जाएंगी। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने भी ट्वीट कर इस स्कूल को आदर्श बताया है।
क्या-क्या है खासियत: इस विद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही ऐसा अनुभव होता है कि किसी बड़े स्कूल में प्रवेश कर रहे हैं। कैंपस के अंदर पहुंचते ही वहां की साफ-सफाई को देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है। चारदीवारी में बच्चों के लिए बनाए गए आकर्षक चित्र उन्हें कई प्रकार की जानकारियां प्रदान करती नजर आती हैं। वर्ग कक्ष में लगा सलीके से सजा है विद्यार्थियों का टेबल व बेंच जहां बच्चे आराम से शिक्षा ग्रहण करते हैं। यहां के बच्चे साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं। इस विद्यालय में चार शौचालयों का निर्माण करवाया गया है जिसमें से एक दिव्यांग बच्चों के लिए है। इन शौचालयों में साफ-सफाई की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। छात्राओं के लिए भी सारी सुविधाएं दी गई हैं जिसमें चेंजिग रूम सह इंसीनरेटर की व्यवस्था तक शामिल है। यहां बाल संसद काफी सशक्त है जो प्रति माह 19 तारीख को नियमित बैठक कर कौशल विकास, स्वच्छता, स्वास्थ्य, मध्याह्न भोजन, विद्यालय विकास पर विस्तार से चर्चा करती है। विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक भी प्रतिमाह नियमित रूप से होती है जहां विद्यालयी वातावरण पर विशेष चर्चा की जाती है। अध्यक्ष विद्यालय के विकास के लिए तत्पर रहते हैं। यहां प्रार्थना सभा के दौरान प्रतिदिन सामान्य ज्ञान, व्यक्तिगत स्वच्छता, कौशल विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस विद्यालय में पढ़नेवाले बच्चे हर क्षेत्र में अपना कीर्तिमान स्थापित करते रहे हैं। इन विद्यार्थियों में बिपिन कुमार सिंह, अनुराग पांडेय सहित दर्जनों विद्यार्थियों का नाम शामिल है। -क्या कहते पदाधिकारी व शिक्षक : धनवार प्रखंड में अभी 30 विद्यालयों की सूची तैयार की गई है जहां शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, विद्यालय का रंग रोगन समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उपायुक्त के निर्देश पर ये कार्य किए गए हैं। इसके लिए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सीआरपी समेत सभी कर्मी, विद्यालय के शिक्षक एवं समिति के सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं जो अपनी भूमिका बहुत ही अच्छी तरीके से निभा रहे हैं । यूनिसेफ के गजाधर सिंह भी काफी सराहनीय योगदान दे रहे हैं।
-किशोर कुमार, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, धनवार।
-खोरीमहुआ के अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार सिंह के दिशा निर्देश तथा प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की इच्छाशक्ति और बेहतर प्रबंधन से यह परिणाम सामने आया है । उन्होंने इस विद्यालय को गोद लिया है और सकारात्मक रूप से विद्यालय के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं।
-दिलीप कुमार साहू, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, धनवार।
-विद्यालय का नियमित अनुश्रवण, बच्चों की स्पॉट जांच, शिक्षकों की सलाह एवं मेहनत ने रंग लाया है।
-नंदकिशोर राय, संकुल साधन सेवी, धनवार प्रखंड। -विद्यालय के सभी शिक्षकों, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों का सहयोग मिला है। प्रखंड के पदाधिकारियों के सहयोग व निर्देशन ने विद्यालय को इस मुकाम तक पहुंचाया है।
- मीना कुमारी, प्रधानाध्यापिका, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कारीटांड़। -मुझे प्रधानाध्यापक के साथ सभी का सहयोग मिला है जिसके फलस्वरूप यह संभव हो पाया है।
-शिवेश लाल सहाय, सहयोगी शिक्षक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय, कारीटांड़।