ई-पास से ही बिहार की गाड़ियों की चिलखारी में एंट्री
केंद्र सरकार ने भले ही किसी भी राज्य में आने-जाने के लिए पास की व्यवस्था समाप्त कर दी है लेकिन झारखंड में बंदिशें लगी हुई है। दूसरे राज्यों से यात्री बसों की आवाजाही पर रोक है।
गिरिडीह : केंद्र सरकार ने भले ही किसी भी राज्य में आने-जाने के लिए पास की व्यवस्था समाप्त कर दी है, लेकिन झारखंड में बंदिशें जारी हैं। दूसरे राज्यों से यात्री बसों की आवाजाही पर रोक है। छोटी गाड़ियों में आनेवाले लोगों को भी झारखंड में प्रवेश करने के लिए कई स्तर पर जांच से गुजरना पड़ता है। गिरिडीह जिले का अति नक्सल प्रभावित इलाका चिलखारी बिहार की सीमा से सटा है। चिलखारी में सड़क के इस पार गिरिडीह जिला और उस पार बिहार का जमुई जिला है। यहीं से आप बिहार से झारखंड एवं झारखंड से बिहार प्रवेश कर सकते हैं। जमुई-चकाई-गिरिडीह मार्ग पर बिहार के सरन तथा गिरिडीह जिले में देवरी थाना अंतर्गत पथराटांड़ में चेकपोस्ट है। इन दोनों चेकपोस्ट की दूरी मात्र दो सौ मीटर है। सरन में बिहार की जमुई पुलिस एवं पथराटांड़ में झारखंड की गिरिडीह पुलिस 24 घंटे मुस्तैद रहती है। पथराटांड़ चेकपोस्ट पर तैनात देवरी थाना के सब इंस्पेक्टर टी राम सेवैया ने बताया कि झारखंड से बिहार जाने के लिए कोई पास की आवश्यकता नहीं है लेकिन बिहार से झारखंड आने वालों को ई-पास दिखाना पड़ता है। झारखंड या बिहार सरकार के ई-पास पर ही बिहार से आनेवालों की झारखंड में एंट्री होती है। चेकपोस्ट पर जांच की भी सुविधा उपलब्ध है। बिहार से यात्री बसों को प्रवेश करने की अभी इजाजत नहीं है। इधर बिहार के सरन चेकपोस्ट पर बिहार पुलिस यात्रियों को भोजन भी करा रही है। इधर इस जांच प्रक्रिया से सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बड़ी कठिनाई होती है।
चिलखारी में बिहार एवं झारखंड का बंटवारा इस तरह हुआ है कि कुछ रिश्तेदार बिहार में हैं तो कुछ रिश्तेदार झारखंड में। विशेषकर आदिवासियों को यह परेशानी हो रही है। उनकी रिश्तेदारी चकाई इलाके में बहुत अधिक है।