संदेहास्पद स्थिति में चालक की मौत, अस्पताल में शव छोड़ भागा वाहन मालिक
घर से वाहन चलाने के लिए बुलाकर ले गए रोहण तुरी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई। परिजनों को उसका शव सदर अस्पताल के स्ट्रेचर पर मंगलवार देर रात को पड़ा मिला।
गिरिडीह : घर से वाहन चलाने के लिए बुलाकर ले गए रोहण तुरी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई। परिजनों को उसका शव सदर अस्पताल के स्ट्रेचर पर मंगलवार देर रात को पड़ा मिला। घर से बुलाकर ले जाने वाला वाहन मालिक परिजनों के अस्पताल पहुंचने पर कुछ बताने के बजाय फरार हो गया। मामला सियाटांड़ ओपी क्षेत्र के जंगरडीह गांव का है। इसी गांव के पचास वर्षीय वाहन चालक रोहन तुरी की मौत संदेहास्पद स्थिति में होने की बात परिजनों ने कही है। मृतक के पुत्र टिकू तुरी व भतीजा निर्मल तुरी ने बताया कि रोहन तुरी सियाटांड़ के चहमौरिया गांव निवासी इंद्रदेव वर्मा की पिकअप वैन पिछले बीस दिनों से चला रहे थे। इसी क्रम में इंद्रदेव मंगलवार सुबह गांव आकर रोहन को अपनी बाइक से ले गए, लेकिन शाम छह बजे तक वापस नहीं आने पर सियाटांड़़ स्थित उनकी दुकान पर जाकर पूछा तो नहीं आने की बात बताई। वहां से लौट कर घर वापस होते ही इंद्रदेव वर्मा ने फोन कर सूचना दी कि रोहन की स्थिति गंभीर है। जल्द ही बेंगाबाद स्थित डॉ पोद्दार के यहां पहुंचने की खबर दी। सूचना पाकर तत्काल बेंगाबाद पहुंचकर पता किए तो वहां कोई नहीं था। पुन: फोन पर इंद्रदेव से जानकारी ली तो गिरिडीह स्थित नवजीवन र्निसंग होम में रहने की बात कहते हुए जल्दी आने को कहा। आनन-फानन में बेंगाबाद से गिरिडीह स्थित उक्त र्निसंग होम पहुंचे लेकिन वे सब वहां भी नहीं मिले। परेशान हाल में पुन: उसे फोन किया गया तो सदर अस्पताल आने की बात कही। करीब आठ बजे रात सदर अस्पताल गेट के पास इंद्रदेव से मुलाकात हुई तो जल्द ही अस्पताल के अंदर जाने को कहा। ओपीडी कक्ष के पास एक स्ट्रेचर पर रोहन तुरी पड़ा था जिसे झकझोर कर हिलाने का प्रयास किया तथा श्वांस व नाड़ी देखने लगे तो शरीर में किसी भी प्रकार की कोई हलचल नहीं हुई तो उसकी मौत होने की जानकारी मिली। मृत अवस्था में वहीं स्ट्रेचर पर पड़ा छोड़कर इंद्रदेव से पूछने व जानकारी लेने जब बाहर आया तो वहां से वह गायब हो चुका था। घटना की जानकारी मिलने के बाद नगर पुलिस मौके पर पहुंचकर टिकू से फर्द बयान ली। तत्पश्चात शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया। टिकू ने बताया कि उसके पिता के शरीर पर कहीं चोट के भी निशान नहीं हैं और वे नशा भी नहीं के बराबर करते थे। ऐसे में उनकी मौत रहस्मय बनी हुई है।