उलझता जा रहा खोरीमहुआ में पंचायत भवन निर्माण का मामला
खोरीमहुआ (गिरिडीह) : धनवार प्रखंड के धनैपुरा में पंचायत भवन निर्माण को ले एक बार फिर म
खोरीमहुआ (गिरिडीह) : धनवार प्रखंड के धनैपुरा में पंचायत भवन निर्माण को ले एक बार फिर मामला उलझता जा रहा है। डीसी उमाशंकर ¨सह के कड़े रुख से विभागीय स्तर पर खलबली मच गई है। आनन फानन में डीडीसी किरण कुमारी पासी ने गत 16 दिसंबर को पत्र जारी कर बीडीओ एवं अभियंताओं से रिपोर्ट तलब की है।
बता दें कि दैनिक जागरण ने धनैपुरा में हो रहे दो-दो पंचायत भवन के निर्माण को ले 9 दिसंबर को पंचायत भवन बना नहीं, हो गई लाखों की निकासी एवं 12 दिसंबर को सिर्फ पंचायत सचिव ही क्यों बनें बलि का बकरा शीर्षक से प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होते ही डीडीसी ने मामले को गंभीरता से लिया। बीडीओ के नाम प्रेषित पत्र में डीडीसी ने लिखा है कि धनैपुरा पंचायत भवन निर्माण कार्य हेतु तत्कालीन पंचायत सेवक इशिदौर हेम्ब्रम को अग्रिम राशि के रूप में 5 लाख रुपये का भुगतान 11 मई 2011 को किया गया था। दी गई अग्रिम राशि के विरुद्ध किया गया कार्य मापी पुस्तिका में दर्ज नहीं है। अतएव उक्त राशि वसूलनीय है। राशि वसूली के लिए उनके द्वारा की गई कार्रवाई तथा तत्कालीन कनीय अभियंता व सहायक अभियंता से स्पष्टीकरण पूछा गया है कि उनके द्वारा किस परिस्थिति में मापी पुस्तिका दर्ज नहीं की गई है। इससे संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध करना सुनिश्चित करें।
ज्ञात हो कि धनैपुरा में पंचायत भवन अधूरा रह गया है और लाखों की निकासी हो गई है। हद तो तब हो गई जब पुरानी राशि की वसूली एवं दोषी लोगों पर कार्रवाई किए बिना ही नए सिरे से कार्य योजना पारित कर पुरानी योजना से करीब एक किलोमीटर दूर अडवार भूमि पर नया पंचायत भवन का निर्माण शुरू हो गया। इधर धनैपुरा में नये पंचायत भवन के निर्माण में एक और नई पहेली सामने आई है।
विभागीय सूत्रों की मानें तो किसी भी कार्ययोजना के पूर्व कार्यस्थल का निरीक्षण कर चेक स्लिप जारी किया जाता है। इसके बाद ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाती है। फिर संबंधित कार्य के लिए ठेकेदार को कार्यादेश दिया जाता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। धनैपुरा के खाता नंबर 46, प्लॉट नंबर 622 व रकबा 0.87 एकड़ सर्वे गैरमजरुआ आम अड़वार भूमि पर निर्माणाधीन पंचायत भवन की टेंडर प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरती गई है। पूर्व पंचायत सचिव इशिदौर हेम्ब्रम एवं आरटीआइ कार्यकर्ता जनार्दन विश्वकर्मा की मानें तो किसी भी योजना की निविदा निकालने के पूर्व विवाद रहित स्थल का चेक स्लीप प्राप्त होने पर संबंधित टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाती है। निकाली गई निविदा की नियमावली के अनुसार निविदाकार को निविदा में भाग लेने के पूर्व स्वंय द्वारा योजना स्थल का निरीक्षण कर संतुष्ट होना पड़ता है। मामला यह है कि धनैपुरा में पंचायत भवन निर्माण के लिए 16 मार्च को निविदा निकाली गई और आनन फानन में पदाधिकारियों ने स्थल का उल्लेख किए बगैर ही संबंधित ठेकेदार को 4 मई 2017 से कार्य प्रारंभ करने हेतु कार्यादेश दे दिया।
पंचायत में दो-दो पंचायत भवन के निर्माण का मामला हाई प्रोफाइल होने लगा तो अपनी लापरवाही व साजिश को छुपाने की नियत से 26 दिन बाद 30 मई 2017 की योजना कार्य का चेक स्लीप मौजा धनैपुरा के खाता नंबर 46, प्लॉट नंबर 622, गैरमजरुआ आम अड़वार भूमि दिखाकर ठेकेदार भुगतान लेने के चक्कर में है। ऐसे में ग्राम सभा द्वारा चयनित स्थल को छोड़कर दूसरी जगह इसी भवन का निर्माण होने से स्थानीय पंचायतवासी मर्माहत हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता विश्वकर्मा ने इसमें संलिप्त कर्मियों के विरुद्ध जांच कर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की है।
पूर्व पंचायत सचिव हेम्ब्रम ने कहा कि वर्ष 2011 में ग्राम सभा द्वारा चयनित स्थल के खाता नंबर 45, प्लॉट संख्या 1123, रकबा 1.64 एकड़ भूमि पर पंचायत भवन निर्माणाधीन है। ऐसे में दूसरे स्थल पर इसी भवन के निर्माण के लिए चेक स्लीप निर्गत होना यानि एक तरफ से साजिश के तहत प्रताड़ना का द्योतक है और नियम के भी विरुद्ध भी है। इस बाबत धनवार के बीडीओ प्यारे लाला ने बताया कि डीडीसी के आदेश पर तत्कालीन कनीय अभियंता अमरेंद्र कुमार ¨सह एवं सहायक अभियंता खुर्शीद अनवर को नोटिस तामिला करा दिया गया है।