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खंडोली इंस्टीट्यूट में फिर गहराया विवाद

खंडोली इंस्टीच्युट आंफ टेक्नालाजी मे दो गुटो के बिच प्रबंधन मे दावेदारी को लेकर लम्बे समय से चली इ रहे विवाद शुक्रवार को फिर गहरा गया । ओर दोनो गुट आमने सामने हो गये । सुचना पर बेगाबाद बेगाबाद पुलीस सदलबल पहुची । ओर नियुक्त दंडाधिकारी की उपस्थिति मे फिल्हाल कैम्प किया जा रहा है । बताया जाता है की शुक्रवार लगभग 11 बजे दिन आशुतोष पांडेय सचीन सिह ओर लक्ष्मीकान्त भारती कालेज मे प्रवेश को लेकर वहा पहुचे । इसदौरान गेट पर तैनात

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 06:14 AM (IST)
खंडोली इंस्टीट्यूट में फिर गहराया विवाद
खंडोली इंस्टीट्यूट में फिर गहराया विवाद

संवाद सहयोगी, बेंगाबाद : खंडोली इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रबंधन में दावेदारी को ले दो गुटों के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद शुक्रवार को एक बार फिर गहरा गया। दोनों गुट के लोग आमने-सामने हो गए। सूचना पर बेंगाबाद पुलिस सदलबल पहुंची। पुलिस नियुक्त दंडाधिकारी की उपस्थिति में वहां कैंप कर रही है।

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सुबह करीब 11 बजे दिन आशुतोष पांडेय, सचिन सिंह और लक्ष्मीकान्त भारती कॉलेज में प्रवेश को लेकर वहां पहुंचे। इस दौरान गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से उनकी नोंकझोंक हो गई। सुरक्षा कर्मी धनेश्वर मंडल आदि ने आशुतोष पांडेय गुट पर हाथापाई करने का आरोप लगाया, जबकि पांडेय एवं अन्य ने हाथापाई करने से इंकार किया है।

इधर, फिलहाल मामला शांत तो हो गया है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बतौर मजिस्ट्रेट पथ प्रमंडल विभाग के कनीय अभियंता नसीम अख्तर की उपस्थिति में बेंगाबाद पुलिस को तैनात कर दिया गया है।

अरविद कुमार मंडल ने कहा कि आशुतोष पांडेय, सचिन सिंह, लक्ष्मीकांत भारती, शंभू सिंह आदि को अनियमितता के आरोप में 23 फरवरी 2018 को ट्रस्ट बोर्ड से निष्कासित किया जा चुका है। उन लोगों को कॉलेज में कोई अधिकार नहीं रह गया है। वे लोग अकारण कॉलेज में प्रवेश करने के लिए हंगामा करते रहते है। साथ ही कॉलेज के शैक्षणिक माहौल को खराब करने की कोशिश करते हैं। साथ ही प्रशासन को भी दिग्भ्रमित करने का प्रयास करते हैं। उन लोगों ने कॉलेज में दखल कब्जा को लेकर न्यायालय में एक रीट दायर की थी, जिसे खारिज किया जा चुका है।

इधर आशुतोष पांडेय, सचिन सिंह एवं लक्ष्मीकांत भारती ने बताया कि वे लोग कॉलेज के संस्थापक सदस्य एवं ट्रस्टी हैं। इसके बाद भी उन लोगों को कॉलेज में प्रवेश करने से रोका जाता है। ट्रस्टी को निकालने का अधिकार अरविद मंडल को नहीं है। ट्रस्टी को केवल न्यायालय के माध्यम से ही निकाला जा सकता है।

बता दें कि वर्चस्व की इस लड़ाई में दोनों गुटों के लोग कई बार आमने-सामने हो चुके हैं। तोड़फोड़, हंगामा, मारपीट, अनियमितता, गबन आदि आरोप एक-दूसरे पर लगाते हुए कई मामले भी दर्ज कराए जा चुके हैं।


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