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चिंताजनक है बेटियां की घटती संख्या

वाददाता गिरिडीह समाज कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत परिचर्चा का आयोजन किया गया

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 06:42 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:42 AM (IST)
चिंताजनक है बेटियां की घटती संख्या
चिंताजनक है बेटियां की घटती संख्या

गिरिडीह : समाज कल्याण विभाग की ओर से मंगलवार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिकाओं ने भाग लिया। इस दौरान सभी ने बेटियों की लगातार घट रही संख्या पर चिता जताते हुए इसे गंभीर मामला बताया। प्रभारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ज्योति वंदना कुजूर ने कहा कि हमारा देश महिला-पुरुष लिगानुपात में 40 देशों से पीछे चल रहा है। देश में निरंतर लिगानुपात घट रहा है। 1981 की जनगणना के अनुसार प्रति एक हजार पुरुष पर महिलाओं की संख्या 962 थी। 1991 में यह घटकर 945 हो गई। 2001 में 927 और 2011 में 919 है। 0-6 वर्ष की लड़कियों का आंकड़ा और कम है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप धारण कर लेगी, इसलिए अभी से ही सभी को सचेत होने की जरूरत है। उन्होंने सभी को आंगनबाड़ी केंद्रों और गांवों में जाकर लोगों को इस मुद्दे पर जागरूक करने का निर्देश दिया। सीडीपीओ अर्पणा कुमारी और माया रानी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए। मौके पर महिला पर्यवेक्षिका शोषण मरांडी, सुषमा कुमारी, किरण कुमारी, फरजाना परवीन, ज्योति हेम्ब्रम, रीना सिन्हा, कविता कुमारी, मंजू देवी आदि उपस्थित थीं।

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