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जीवेत शरद: शतम्- पहले महंगी गाड़ियां और हेलीकॉप्टर देखने जाते थे मतदाता

तिसरी प्रखंड अंतर्गत चंदौरी गांव के रहने वाले महावीर प्रसाद आर्य 80 बसंत देख चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:37 AM (IST)
जीवेत शरद: शतम्- पहले महंगी गाड़ियां और हेलीकॉप्टर देखने जाते थे मतदाता
जीवेत शरद: शतम्- पहले महंगी गाड़ियां और हेलीकॉप्टर देखने जाते थे मतदाता

संस, खोरीमहुआ (गिरिडीह): तिसरी प्रखंड अंतर्गत चंदौरी गांव के रहने वाले महावीर प्रसाद आर्य 80 बसंत देख चुके हैं। मंगलवार की दोपहर कड़ी धूप में वे लड़खड़ाते कदमों से धनवार स्थित दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे। बताया कि दैनिक जागरण के जीवेत शरद: शतम् कॉलम से काफी प्रभावित हैं और वह भी अपनी बातें मतदाताओं तक पहुंचाना चाहते हैं।

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उन्होंने बताया कि उनके जीवनकाल की सबसे बड़ी भूल है कि अपने जीवनकाल में उन्होंने अबतक मात्र चार बार वोट किया है। जागरूकता के अभाव में उन्होंने जो गलती की, उसे सुधारने के लिए वे गांव-गांव घूम कर लोगों को जागरूक करना चाहते हैं।

बताया कि चंदौरी की सकरी नदी पर पुल नहीं था। उस समय प्रभाकरजी ने पुल बनाने का आश्वासन दिया तो पहला वोट उन्हीं को दिया था, लेकिन जीतने के बाद उन्होंने कोई वादा पूरा नहीं किया, जिससे विश्वास उठ गया और चुनाव, वोट आदि से किनारा कर लिया। यही पुल बनाने के नाम दूसरी बार वोट तिलकधारी सिंह के पक्ष में किया। तिलकधारी जीते तो गांव की नदी पर पुल भी बना। इसके बाद विश्वास जगा तो तीसरी बार भी वोट किया। उन्होंने कहा कि अभी भी लोग वोट लेने के लिए मुद्दों को जिंदा रखते हैं। फर्क बस इतना है कि पहले के वादों में 25 तो अब के वादों में 70 प्रतिशत काम हो रहा है। अभी के मतदाता नेताओं के भाषण और वादों को सुनने जाते हैं, लेकिन पहले मतदाता नेताओं के हेलीकाप्टर और महंगी गाड़ियां देखने जाते थे।

चुनाव प्रचार करने हेलीकाप्टर से चंदौरी आए थे पदमा के राजा: यादें ताजा करते हुए बताया कि लगभग छह दशक पूर्व पदमा के राजा हेलीकाप्टर से चुनाव प्रचार करने चंदौरी आए थे। वह भी वहां गए थे, लेकिन पदमा राजा का भाषण सुनने नहीं, बल्कि उनके हेलिकाप्टर को देखने के लिए। उस दौरान उतनी सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों ने सभा स्थल पर उपस्थित भीड़ से हेलिकॉप्टर को उड़ाकर एक कोस दूर नदी की तरफ ले जाकर रखा था।


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