जीवित महिला को मृत घोषित कर बंद किया पेंशन भुगतान
गांडेय के अंचल विभाग की बात ही निराली है। यहां जीवित महिला को भी मृत घोषित कर दिया जा रहा है। इसी आशय का मामला कुछ दिन पूर्व प्रकाश में आया। प्रखंड के खोरीमहुआ गांव की लगभग सत्तर वर्षीय महिला बुधनी देवी को लगभग पच्चीस वर्ष से विधवा पेंशन का लाभ मिल रहा था। अचानक छह माह पूर्व से उसका पेंशन मिलना बंद हो गया। वह भुगतान में विलंब होने की आस लगाए प्रत्येक माह अपना बैंक खाता अपडेट कराती परंतु राशि नहीं मिलने पर वह मायूस घर लौट जा
संवाद सहयोगी, गांडेय (गिरिडीह) : गांडेय के अंचल विभाग की बात ही निराली है। यहां जीवित महिला को भी मृत घोषित कर दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पूर्व प्रकाश में आया। प्रखंड के खोरीमहुआ गांव की लगभग 70 वर्षीय महिला बुधनी देवी विधवा पेंशन का लाभ मिल रहा था। अचानक छह माह पूर्व से उसका पेंशन मिलनी बंद हो गई। वह भुगतान में विलंब होने की आस लगाए प्रत्येक माह अपना बैंक खाता अपडेट कराती परंतु राशि नहीं मिलने पर वह मायूस घर लौट जाती थी। लगभग छह माह के इंतजार के बाद वह अपने बेटे के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर उपायुक्त से मिली। उन्होंने उपायुक्त से पेंशन के भुगतान की गुहार लगाई। भुक्तभोगी के गुहार के बाद उपायुक्त ने संबंधित विभाग को जांच कर इसमें कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिले की जांच में महिला को मृत घोषित पाया गया। इस पर भुक्तभोगी ने बताया कि उसकी मां जीवित है और वह सामने खड़ी है। मामले का खुलासा होते ही जिले ने प्रखंड से इस संबंध में जानकारी मांगी। बाद में उक्त महिला का पेंशन पुन: चालू कराने को लेकर विधिवत कार्रवाई करने की बात कही गई। जानकारी के अनुसार संबंधित गांव के हल्का कर्मचारी ने लगभग छह माह पूर्व जांच रिपोर्ट में बुधनी देवी को मृत घोषित कर दिया था। उसी की रिपोर्ट के आधार पर महिला को मृत मानते हुए विभाग ने पेंशन का भुगतान करना बंद कर दिया था।