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बच्चों को सिखाया संस्कार का ककहरा

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: बच्चों को संस्कारवान बनाने और उन्हें अपनी संस्कृति व परंपरा से

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 05:15 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 05:15 PM (IST)
बच्चों को सिखाया संस्कार का ककहरा
बच्चों को सिखाया संस्कार का ककहरा

जागरण संवाददाता, गिरिडीह: बच्चों को संस्कारवान बनाने और उन्हें अपनी संस्कृति व परंपरा से जोड़े रखने के लिए दैनिक जागरण की ओर से इस वर्ष पुन: जागरण संस्कारशाला प्रारंभ हो गया है। इसके तहत बच्चों को संस्कारों की शिक्षा देते हुए उन्हें सभ्य, सुशिक्षित और अच्छे नागरिक बनाने की दिशा में पहल की जा रही है। उद्देश्य यह है कि बच्चे संस्कारवान बनें, वे अपनी परंपरा और संस्कृति को समझें और इससे उनका जुड़ाव बना रहे। बच्चों के माध्यम से उनके अभिभावकों तक भी पहुंचने का प्रयास किया जाता है, ताकि वे भी अपने बच्चों को सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन दें। इसी के तहत बुधवार को शहर के सुभाष पब्लिक स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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बच्चों को बताया गया संस्कारशाला का उद्देश्य: स्कूल में प्रार्थना सभा के बाद बच्चों को संस्कारशाला कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके उद्देश्यों के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके बाद शिक्षकों ने आज दैनिक जागरण में मैं नहीं हम विषय पर प्रकाशित कहानी पढ़कर बच्चों को सुनाई। कहानी का अर्थ भी सभी को बताया गया।

बच्चों ने की परिचर्चा: बच्चों ने समूह में बंटकर उक्त कहानी को पढ़ा और आपस में इस पर विस्तार से चर्चा की। इससे क्या सीख मिलती है, इसके संदेश को क्यों आत्मसात करना चाहिए आदि पर बच्चों ने एक-दूसरे से चर्चा की। इसके बाद बच्चों से इसी पर आधारित सवाल भी किए गए। बच्चों ने एक-एक कर सवालों को जवाब दिया।

शिक्षकों ने सराहा: शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी एक साथ बैठकर उक्त कहानी को पढ़ा और इस पर आपस में चर्चा की। सभी ने दैनिक जागरण की इस पहल की सराहना की। कहा कि बच्चों को संस्कारों की सीख देने के लिए जागरण का यह कार्यक्रम काफी सराहनीय है। हर साल संस्कारशाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे न केवल बच्चे बल्कि अभिभावकों को भी काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। इससे बच्चों को काफी लाभ होगा।

सामाजिक दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहा जागरण: सुभाष ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन संजय ¨सह ने कहा कि वर्तमान में तेजी से नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। लोगों में संस्कारों की कमी देखी जा रही है। अपनी परंपरा और संस्कृति से भी दूर होते जा रहे हैं। इसका असर बच्चों पर पड़ना स्वाभाविक है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को अभी से ही अच्छी शिक्षा दी जाए। उन्हें संस्कारों के बारे में बताया जाए। दैनिक जागरण इस दिशा में अच्छी पहल कर रहा है। इन्होंने किया सहयोग: कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के सह निदेशक विजय ¨सह, प्राचार्या रीना चौधरी, शिक्षक सुबोध कुमार ¨सह, शाहिद परवेज, शाहनवाज अहमद, विनय कुमार राय, अभिजीत एच, उत्तम ठाकुर, वीरेंद्र प्रसाद, बीएन ¨सह, तर्पिता सेनगुप्ता, सजल कुमार, विकास कुमार यादव, प्रवीण कुमार मिश्रा, महेश कुमार, कासिम अहमद, शाहबुद्दीन खान, सोनी वाधवा आदि का योगदान रहा।


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