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सिम क्नोनिग कर लगाई लाखों की चपत, आधा दर्जन गिरफ्तार

बैंक खाते में उपभोक्ता का जुड़ा मोबाइल नंबर का डेटा प्राप्त कर फर्जी आधार के माध्यम से सिम क्लोनिग कर तीन उपभोक्ताओं के खाते से लाखों रूपये टपाने के मामले में छह साइबर आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार की है। गिरफ्तार आरोपितों में बेंगाबाद थाना

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 06:19 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:25 AM (IST)
सिम क्नोनिग कर लगाई लाखों की चपत, आधा दर्जन गिरफ्तार
सिम क्नोनिग कर लगाई लाखों की चपत, आधा दर्जन गिरफ्तार

गिरिडीह : बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर का डेटा प्राप्त कर फर्जी आधार के माध्यम से सिम क्लोनिग कर तीन उपभोक्ताओं के खाते से लाखों रुपये उड़ाने के मामले में छह साइबर आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपितों में बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बिशनपुर गांव निवासी राजकुमार मंडल व सीताराम मंडल, दुधीटांड़ निवासी मुकेश मंडल तथा फुरसोडीह गांव निवासी लखन मंडल, सुरेन्द्र मंडल व राहुल मंडल शामिल हैं। इन आरोपितों के पास से पुलिस ने साइबर अपराध में उपयोग किए जाने वाले मोबाइल फोन समेत अन्य सामानों को बरामद किया है।

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पीड़ितों ने साइबर अपराध के शिकार होने के बाद इस ठगी के संबंध में साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तीनों पीड़ितों के अलग-अलग खाते से तीन लाख चौसठ हजार चार सौ छियासठ रुपये की निकासी की गई है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस मामले के अनुसंधान में जुटी थी। सीडीआर डिटेल व अन्य बिन्दुओं पर अनुसंधान करने के बाद साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में साइबर पुलिस की टीम ने बेंगाबाद के फुरसोडीह गांव से कुछ दूर आगे फुरसोडीहटांड़ के पास से छापेमारी कर सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया।

पुलिस की नजरों से बचते हुए साइबर अपराध का मास्टर माइंड गपैय गांव के मंडाटांड़ टोला निवासी महेन्द्र मंडल फरार हो गया। गिरफ्तार आरोपितों ने साइबर अपराध के इस मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए घटना को अंजाम देने में शामिल रहने की बात से पुलिस की टीम को अवगत कराया। आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सभी को सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।

छापेमारी टीम में ये थे शामिल: मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपितों के सत्यापन व गिरफ्तारी को लेकर संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में छापेमारी की गई। इस टीम में परीक्ष्यमान पुअनि शिवश सौरभ, मो वाहिद अंसारी, इमरान खान, मिथिलश कुमार, मंतोष कुमार महतो शामिल थे।

पूर्व में भी जा चुका जेल: साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार छह आरोपितों में से दो पूर्व में साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुके हैं। इनमें सरगना गपैय गांव निवासी महेन्द्र मंडल वर्ष 2015 में मुफस्सिल थाना जबकि राजकुमार मंडल वर्ष 2016 में बेंगाबाद थाना में दर्ज साइबर अपराध में जेल गए थे। फिलहाल दोनों जमानत पर बाहर थे और साइबर अपराध में पुन: संलग्न थे।

आरोपितों के पास से बरामद सामान : गिरफ्तार आरोपितों के पास से कई सामान पुलिस ने बरामद किए हैं। इन सामानों में सात एंड्रॉयड मोबाइल, चार छोटा मोबाइल, पांच आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक बैंक पासबुक, छह एटीएम, एक बाइक, एक एसबीआइ का रूपे कार्ड, एक एप्पल का आइफोन, एक वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र व एक मतदाता पहचान पत्र शामिल है।

इनलोगों के खाते से उड़ाई गई राशि: गिरफ्तार आरोपितों ने बिरनी के अलग-अलग गांवों के तीन लोगों के खाते से राशि को टपाया है। पीड़ितों में भरकट्टा निवासी दिलीप कुमार सिन्हा के खाते से एक लाख दस हजार तीन सौ उनतीस रुपये, बलीडीह गांव निवासी संजय तर्वे के खाते से एक लाख 57 हजार दो सौ उन्नीस रुपये तथा खरखुंदो गांव निवासी बालेश्वर यादव के खाते से 96 हजार नौ सौ सोलह रुपये शामिल हैं। इन सब के खाते से फर्जी सिम के माध्यम से दिसंबर से लेकर जनवरी माह के बीच रकम टपाई गई। संजय तर्वे के खाते से 24 दिसंबर को एक लाख रुपये तथा 30 दिसंबर को 37,210 रुपये निकासी की गई थी।

सरगना ने उपलब्ध कराया था उपभोक्ताओं का आधार: सिम क्लोनिग करने के गिरोह का सरगना महेन्द्र मंडल मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गपैय गांव का रहनेवाला है। इस बात की जानकारी गिरफ्तार आरोपितों ने पुलिस को दी है। सरगना महेन्द्र मंडल बैंक में जमा उपभोक्ताओं का आधार व अन्य दस्तावेज अपने गिरोह के सदस्यों को उपलब्ध कराता था। इसके आधार पर नया सिम लेकर उस पर ओटीपी मंगवाकर खाते से राशि टपाई जाती थी। इसके एवज में टपाई गई राशि का बीस प्रतिशत सरगना द्वारा इन सदस्यों को दी जाती है। छापेमारी के वक्त मौके का फायदा उठाकर सरगना वहां से पुलिस की नजरों से बचते हुए फरार हो गया। सरगना के बारे में मिली जानकारी के बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी करने में जुटी है।

उपभोक्ता के खाते में दूसरे के खाते से डाली गई थी राशि: बिरनी के भरकट्टा निवासी दिलीप सिन्हा के खाते से साइबर आरोपितों ने एक लाख दस हजार रुपये की निकासी करने के बाद दूसरे के खाते से उसमें करीब एक लाख रुपये का स्थानांतरण किया था। एक बार में पचास हजार रुपये तथा दूसरी बार में 49 हजार 9 सौ रुपये जमा किया था। जिसे खाते में आने के बाद ग्राहक सेवा केन्द्र के माध्यम से अलग-अलग किस्तों में निकाला गया। छाता लगाकर सिम बेचनेवाले से लिया सिम: सिम क्लोनिग कर ठगी करने के मामले में गिरफ्तार आरोपित सीताराम ने बताया कि सरगना द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा के आधार पर गिरिडीह में सिम बेचनेवाले के पास से नया सिम खरीदा गया था। यह सिम बस स्टैंड, अम्बेदकर चौक, कचहरी रोड़ में छाता लगाकर सिम बेचने वालों के पास से फर्जी आधार पर खरीद कर ग्राहक सेवा केन्द्र से राशि की निकासी की गई थी।

सिम डीलर व सीएससी संचालक से हो रही पूछताछ: सिम क्लोनिग के इस मामले में साइबर पुलिस शहर के दो व बेंगाबाद के एक सिम डीलर से अनेक बिन्दुओं पर पूछताछ करने में जुटी है। साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने बताया कि शिवमंदिर रोड़ गिरिडीह स्थित अंबे टेलीकॉम व बरमसिया स्थित कुंदन इलेक्ट्रोनिक के अलावा बांसजोर स्थित एक सिम डीलर से इस क्लोनिग के बारे में पूछताछ की जा रही है। जिस सिम का उपयोग राशि टपाने में किया गया है उसे सीताराम मंडल अपने फोटो के आधार पर खरीदा है लेकिन सीडीआर में उसकी तस्वीर के बजाय किसी अन्य की तस्वीर दिखाई दे रही है। बिरनी के जिस ग्राहक सेवा केन्द्र से राशि की निकासी की गई है उसके संचालक से भी पुलिस सघन पूछताछ करने में जुटी है।


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