साइबर अपराध से अर्जित लाखों रुपया किया शादी में खर्च
चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत को साइबर अपराध करने का गुर सीख लोगों से ठगी करने वाला गांडेय के मरगोडीह गांव निवासी रामलील मंडल ने चरितार्थ कर दिखाया। मोटी रकम अर्जित करने की तमन्ना लिए वह जामताड़ा जिले के करमाटांड थाना क्षेत्र के दुधानी गांव निवासी अपने मौसेरे भाईयों रोहित मंडल व दिनेश मंडल के साथ मिलकर साइबर अपराध का गुर सीखा। इसी क्रम में वहां रहने के दौरान रामलील को दो बार साइबर ठगी का किगमैन सीताराम मंडल से मिलने का मौका भी मिला। भाईयों से साइबर ठगी करने
प्रभात कुमार सिन्हा, गिरिडीह : चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत को साइबर अपराध करने का गुर सीख लोगों से ठगी करने वाला गांडेय के मरगोडीह गांव निवासी रामलील मंडल ने चरितार्थ कर दिखाया। मोटी रकम अर्जित करने की तमन्ना लिए वह जामताड़ा जिले के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के दुधानी गांव निवासी अपने मौसेरे भाइयों रोहित मंडल व दिनेश मंडल के साथ मिलकर साइबर अपराध का गुर सीखा। वहां रहने के दौरान रामलील को दो बार साइबर ठगी का किगमैन सीताराम मंडल से मिलने का मौका भी मिला। भाइयों से साइबर ठगी करने का गुर सीखने के बाद वह सीताराम मंडल से काफी प्रभावित हुआ और साइबर ठगी की तकनीकी पहलुओं को आत्मसात करने को सीताराम के दर पर जा पहुंचा। यहां उसने साइबर ठगी करने के हर पहलुओं की बारीकी से जानकारी हासिल करने के बाद अपने गांव लौट गया और इस धंधे में लग कर लाखों रुपये अर्जित किया। रामलील कॉलेज की पढाई को दरकिनार करते हुए साइबर अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और इस धंधे से करीब 25 लाख रुपये अर्जित करने में सफल रहा। इन रुपयों में से दस लाख रुपये में आलीशान घर बनाया। उसके बाद अपनी व बहन की शादी में पांच-पांच लाख रुपये खर्च किया। 88 हजार रुपये में बाइक व साठ हजार रुपये में स्कूटी खरीदी। इसके अलावा घरेलू विलासिता संबंधी सामान, साइबर अपराध करने के लिए इलेक्ट्रानिक उपकरण खरीदने व मौज मस्ती में खर्च करने का काम किया।
इंडिया मार्ट से मंगाई थी क्लोनिग मशीन: साइबर अपराध से ठगी करने के मामले में महारत हासिल करने के बाद जामताड़ा से वापस अपने घर मरगोडीह पहुंचा रामलील इंडिया मार्ट से कई उपकरण मंगवाया। यह काम गूगल, इंटरनेट व यूट्यूब में सर्च करने के बाद किया जहां से इंडिया मार्ट के माध्यम से दो एटीएम क्लोनिग मशीन, एक कार्ड रीडर व 14 ब्लैंक एटीएम कार्ड मंगाया। जिसमें करीब 51 हजार रूपये पूंजी लगी। सामान इसी वर्ष फरवरी माह में उपलब्ध हो गया जिसके बाद फर्जी एटीएम कार्ड बनाने में अपना दिमाग का पूरा उपयोग करने लगा।
रेडबस एप का लिया सहारा: एटीएम क्लोनिग करने को लेकर रेडबस एप का सहारा लिया। यहां से एटीएम का सीरियल नंबर डालकर सही करता था। एसबीआइ का शुरू का मास्टर एटीएम कार्ड व वीसा एटीएम कार्ड का आठ डिजीट अपने मन से डालते हुए तब तक चेंज करते रहता था जब तक कि सही सीरियल नंबर प्राप्त नहीं हो जाए। सही सीरियल नंबर प्राप्त होते ही एसबीआइ योनो एप से पिन सही करते हुए एटीएम स्कीमिग मशीन से कार्ड क्लोनिग कर एसबीआइ के बूथ से पैसे की निकासी करने लगा जिससे मोटी कमाई होने लगी।
पेटीएम कस्टमर केयर में चढाया नंबर: रामलील पिछले एक माह से पेटीएम के कस्टमर केयर के नंबर के स्थान पर गूगल सर्वर पर चढ़ाए गए या पंच किए गए फर्जी मोबाइल नंबर से भी ठगी करने का काम करता था। वह देवघर जिले के मरगोमुंडा थाना क्षेत्र के जगाडीह गांव निवासी कारू मंडल से नंबर प्राप्त कर पेटीएम से संबंधित जानकारी मांगने वालों से मधुर बात कर उन्हें झांसे में लेते हुए उनकी समस्या के समाधान के नाम पर निजी जानकारी लेता गया और उनके खाते से राशि गायब करने लगा। पेटीएम पर नंबर चढाने के एवज में कारू मंडल को अब तक चार बार में चौबीस हजार रूपये दिया है। पेटीएम पर एक नंबर चढ़ाने को छह हजार रुपये देता था।