पहले चलाता था समोसे की दुकान, अब बना लिया आलीशान मकान
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : साइबर पुलिस उपाधीक्षक संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में पुलिस ने मंगलवार
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : साइबर पुलिस उपाधीक्षक संदीप सुमन समदर्शी के नेतृत्व में पुलिस ने मंगलवार की देर शाम बेंगाबाद, अहिल्यापुर एवं मुफस्सिल थाना क्षेत्र में अलग-अलग छापेमारी कर साइबर अपराध में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। बेंगाबाद से चार और अहिल्यापुर एवं मुफस्सिल थाना क्षेत्र से एक-एक साइबर आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। एक बोलेरो व तीन बाइक भी जब्त की गई है। डीएसपी ने यह जानकारी बुधवार की शाम दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार विकास कुमार चौधरी साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखने से पहले समोसे की छोटी सी दुकान चलाकर किसी तरह अपना जीवनयापन करता था। बाद में उसने साइबर अपराध के माध्यम से अकूत संपत्ति अर्जित की और वाहन समेत आलीशान मकान का मालिक बन गया। पुलिस ने गुप्त सूचना पर बेंगाबाद थाना क्षेत्र के चपुआडीह गांव के मैदान में बैठकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे चार लोगों को दबोचा। इनमें मनोज कुमार मंडल, गोनिक कुमार मंडल, विकास कुमार चौधरी व ¨रकेश मंडल शामिल हैं।
वहीं साइबर अपराध की घटना को अंजाम देने के मामले में फरार चल रहे दो आरोपितों को भी गिरफ्तार किया गया। इनमें घोसको निवासी विक्की मंडल व मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गपैय निवासी राजा रंजीत शामिल हैं। विक्की साइबर अपराध के अलावे दुष्कर्म के एक मामले का भी आरोपित है। साइबर के मामले में वह पिछले आठ साल से फरार था। न्यायालय ने उसके विरुद्ध वारंट भी निर्गत किया था। पुलिस के समक्ष आरोपित विक्की ने अपना अपराध स्वीकार लिया है। वहीं गोनिका का कहना है साइबर अपराध में वह पहले शामिल था, लेकिन न्यायालय से जमानत मिलने के बाद अब कपड़ा दुकान में काम कर रहा है।
बुधवार को सभी आरोपितों को न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया, जहां से न्यायालय के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया। अभियान में डीएसपी के अलावे इंस्पेक्टर सह साइबर थाना प्रभारी सहदेव महतो, सहायक अवर निरीक्षक उदय कुमार ¨सह, बीपी शर्मा व अन्य पुलिस पदाधिकारी व जवान शामिल थे।
आरोपितों के पास से बरामद सामान: सात स्मार्टफोन, छह बेसिक मोबाइल, विभिन्न कंपनियों के 20 फर्जी सिम कार्ड, तीन एटीएम, एक बोलेरो व तीन मंहगी बाइकें।
ट्रू-कॉलर में इंडियन आर्मी मनोज के नाम से बनाया था प्रोफाइल: साइबर अपराध को अंजाम देने को लेकर ये आरोपित नित नई-नई तकनीक का इजाद कर ठगी करते थे। मनोज कुमार मंडल ने ट्रू कॉलर में अपना प्रोफाइल इंडियन आर्मी मनोज के नाम से बनाया था। इसके कारण वह जिसे कॉल करता था, वह धोखा खा जाता था। इंडियन आर्मी के नाम पर मनोज लोगों के खाते से जुड़ी जानकारी इकट्ठी कर उनके खाते को साफ कर देता था।
ई-वॉलेट का भी करते थे उपयोग: गिरफ्तार आरोपितों ने ई-वॉलेट के जरिये भी लोगों के खातों से लाखों रुपये उड़ाए। भीम एप, फ्लिपकार्ट व अन्य वॉलेट में रखे रुपये को ये उड़ा लेते थे।
लाखों रुपये का किया है ट्रांजेक्शन: डीएसपी ने बताया कि आरोपितों ने इस धंधे में फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ग्राहकों से लाखों रुपये की ठगी की है। अब तक की पूछताछ में करीब 25 लाख रुपये की हेराफेरी करने की बात सामने आई है। पुलिस इनके खातों को खंगाल रही है।
पहले जी रहे थे मामूली जीवन, अचानक बदला रहन-सहन: बताया जाता है कि साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखने से पूर्व ये खेती-बारी व मामूली व्यवसाय कर किसी प्रकार गुजारा करते थे, लेकिन अचानक इनके रहन-सहन का स्तर काफी ऊपर उठ गया। लोगों से ठगी गई राशि से इन्होंने वाहन से लेकर आलीशान मकान तक खड़ा किया। विकास कुमार चौधरी ने ठगी के पैसे से एक बोलेरो (डब्ल्यूबी 38 एएन/6656), जबकि मनोज ने डेढ़ लाख रुपये की नई बाइक खरीदी है। अन्य दोनों आरोपितों के पास भी महंगी बाइकें हैं।