11 महीने से मलेशिया में फंसा है लोकनाथ
सरिया थाना के लुतियानो निवासी बाबूलाल महतो के पुत्र लोकनाथ महतो ने प्रवासी ग्रुप के एडमिन सिकंदर अली के माध्यम से वतन की वापसी के लिए मदद की गुहार लगाई है।
सरिया : सरिया थाना के लुतियानो निवासी बाबूलाल महतो के पुत्र लोकनाथ महतो ने प्रवासी ग्रुप के एडमिन सिकंदर अली के माध्यम से वतन की वापसी के लिए मदद की गुहार लगाई है। 11 महीने पूर्व सरिया प्रखंड क्षेत्र के लुतियानो निवासी लोकनाथ महतो मलेशिया रोजगार के लिए गया था। वहां वह कंपनी की गलत नीतियों के कारण फंसा हुआ है। अब वह घर आने की कोशिश कर रहा है कितु रुपया, पासपोर्ट और वीजा नहीं होने की वजह से वहां से वापस नहीं आ पा रहा है। वह कंस्ट्रक्शन लेबर एक्सचेंज सेंटर बरहेट नामक कंपनी में काम करता था। कंपनी के लोगों ने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है।
लोकनाथ ने बताया कि बगोदर थाना क्षेत्र के माहुरी के रहनेवाले उमेश महतो के माध्यम से दो जनवरी 2019 को वह मलेशिया आया था। तीन महीने तक काम करने के बाद वेतन नहीं मिलने पर उसने घर जाने की इच्छा जाहिर की तो कंपनीवाले लोगों ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया। जब उसे जान का खतरा महसूस होने लगा तो उसने कंपनी में काम छोड़ दिया। लोकनाथ ने दूरभाष पर बताया कि वह किसी तरह कंपनी से भाग कर दूसरी जगह छुप-छुपकर काम कर रहा था। पिता बाबूलाल महतो प्रशासन और प्रतिनिधियों से बेटे के सकुशल घर लौटने में सहयोग की मांग कर रहे हैं। लोकनाथ के परिजनों की मानें तो उसे 35 हजार रुपए प्रतिमाह दिलाने का झांसा देकर विदेश ले जाया गया पर वहां मात्र 9 हजार रुपए भारतीय मुद्रा दिया जा रहा था जिसका उसने विरोध किया तो कंपनी वालों ने उसका पासपोर्ट व वीजा जब्त कर लिया और धमकी दी। इससे परेशान होकर वह दूसरी जगह पहुंचकर छिपकर रह रहा था लेकिन लगभग 20 दिनों से मलेशिया एंबेसी (मलेशिया दूतावास) में वह बंद हैं और वहां बीमार है। उसका ठीक ढंग से इलाज नहीं होने से वह परेशान हाल में है। यह पहला मौका नहीं है जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबके के लोग विदेशों में फंस जाते हैं।
पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए थे जिसमें दलाल मजदूरों को ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर मलेशिया समेत अन्य कई देश भेज देते हैं और वे विदेश जाकर फंस जाते हैं। लोकनाथ महतो का 11 वर्षीय पुत्र पंकज कुमार, नौ वर्षीय पुत्री निशा कुमारी, पांच वर्षीय रिया कुमारी व पुत्र विशाल कुमार भी पिता के लौटने का इंतजार कर रहे हैं।