हत्या के दोषी एक ही परिवार के पांच लोगों को उम्रकैद
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के उत्तीमटांड़ निवासी कारू साव की हत्या के
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के उत्तीमटांड़ निवासी कारू साव की हत्या के दोषी एक ही परिवार के पांच लोगों को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जिला जज दो कुमार दिनेश की अदालत ने मंगलवार की शाम फैसला सुनाया। साक्ष्य छुपाने के लिए तीन-तीन साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मुजरिमों पर 20-20 हजार रुपये और साक्ष्य छुपाने में पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक साल साधारण कारावास की सजा काटनी होगी। इन्हें सुनाई गई सजा: वीडियो कांफ्रें¨सग से जिला जज ने जेल में बंद पांचों लोगों को सजा सुनाई। जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें हरखू साव, रामधनी साव, बिजली साव, माथुर साव और कमल साव शामिल हैं। 2008 में हुई थी हत्या: कारू साव की हत्या 11 मार्च 2008 की रात की गई थी। गांव में ही उसकी हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया गया था। जमीन विवाद का मुकदमा नहीं उठाने पर कारू साव की हत्या की गयी थी। करीब 10 साल तक सुनवाई के बाद अदालत ने 31 अगस्त को पांचों को दोषी करार दिया था। इसके बाद पांचों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था था। सभी आरोपित जमानत पर बाहर थे। मृतक की पत्नी शांति देवी ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में बताया था कि जमीन विवाद को लेकर उसके पति कारू ने हरखू साव, रामधनी साव, बिजली साव, माथुर साव और कमल साव पर मुकदमा किया था। मुकदमे को उठाने को लेकर सभी ने धमकी देते हुए कहा था कि बात नही मानने पर हत्या कर देंगे। पोस्टमार्टम व पुराना विवाद बना सजा का आधार: मामले में कोई चश्मदीद नहीं था। सजा का आधार कारू साव और सजा पाने वालों के बीच पूर्व से जमीन विवाद रहा था। हत्या के पूर्व आरोपितों को घटनास्थल पर देखा गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह बात साबित हुई कि कारू साव की हत्या हुई थी। उसके सिर पर जख्म के निशान थे। अवैध संबंध के आरोप को साबित नही कर सका बचाव पक्ष: कारू साव हत्याकांड में आरोपितों ने एक परिवाद पत्र मोहन साव और मृतक की पत्नी शांति देवी पर दायर किया था, जिसमें कहा था कि शांति देवी का नाजायज संबंध मोहन साव के साथ था। दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में कारू ने देखा था, जिसके बाद दोनों ने ही मिलकर उसे मार डाला। हालांकि यह आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो सका।