कोरोना ने 19 बंदियों को दिलाई आजादी
गिरिडीह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेंट्रल जेल में विशेष अदालत का आयोजन किया गया।खुले जेल परिसर में प्रधान जिला जज दीपकनाथ तिवारी के नेतृत्व में अदालत लगाई गई।विचाराधीन बंदियों के वैसे मामले जिनमें 7 साल से कम तक की सजा होती है ।वैसे मामलों में बंद आरोपियों के लिए सैकड़ों मामले को चिन्हित किया गया। जिनमे विभिन्न न्यायालयों के 21 काराधीन बंदियों को कारा से मुक्त किया गया। जिसमें कुल छह बंदियों को दोष-स्वीकारोक्ति के आधार पर रिहा किया गया
गिरिडीह : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को सेंट्रल जेल गिरिडीह में विशेष अदालत लगाई गई। खुले जेल परिसर में प्रधान जिला जज दीपकनाथ तिवारी के नेतृत्व में अदालत लगी। विचाराधीन बंदियों के वैसे मामले जिनमें 7 साल से कम तक की सजा हो सकती है, उसकी सुनवाई की गई। बंदियों के ऐसे तीन सौ से अधिक मामले चिह्नित किए गए। सुनवाई के बाद विभिन्न न्यायालयों के 21 काराधीन बंदियों को कारा से मुक्त किया गया। छह बंदियों को दोष-स्वीकारोक्ति के आधार पर रिहा किया गया। 15 बंदियों को पीआर बांड पर जमानत देकर कारा से बाहर निकलने का मौका दिया गया।
जेल अदालत में सीजेएम मिथिलेश कुमार सिंह, एसीजेएम मनोरंजन कुमार, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी रंजय कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रवीण उरांव, भूपेश चंद्र सामड़, पवन कुमार, शंभू महतो, रवि चौधरी,अमीकर परवार, आशीष अग्रवाल, एडिथ होरो उपस्थित थे।
सेंट्रल जेल से तीन सौ बंदियों की सूची भेजी गई थी। कार्यक्रम संचालन डालसा सचिव संदीप कुमार बर्तम ने किया। इस दौरान कारा अधीक्षक धीरेंद्र कुमार, सहायक लोक अभियोजक रवि चौधरी, पैनल अधिवक्ता एके सिन्हा,बिपिन यादव, समसुल होदा, सहायक कारा पाल कौलेश्वर राम पासवान आदि शामिल थे।