सजायाफ्ता वासुदेव हत्या मामले में भी दोषी करार
जिला जज आठ बिनोद कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को हत्या के एक मामले में अभियुक्त बासुदेव उर्फ बासो भोगता को दोषी ़करार दिया।वही इस कांड के पांच अभियुक्तों को पर्याप्त साक्ष्य के आभाव में रिहा किया है।रिहा होने वालों में कौशल्या देवी और उसका बेटा राजेन्द्र महतो सकलु यादव और उसका भाई बासुदेव महतो और दोषी करार दिए गए बासो भोगता का भाई ़फौदा भोगता शामिल है।दोषी बासो के सजा की बिदु पर सुनवाई एक अक्टूबर को होगी।दोषी करार दिए जाने के साथ
गिरिडीह : जिला जज आठ विनोद कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को हत्या के एक मामले में अभियुक्त वासुदेव उर्फ बासो भोक्ता को दोषी करार दिया। वासुदेव पहले से ही हत्या के एक अन्य मामले में सजायाफ्ता है और फिलहाल वह अपील जमानत पर है। वहीं इस कांड के पांच अभियुक्तों को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया। रिहा होनेवालों में कौशल्या देवी, उसका बेटा राजेन्द्र महतो, सकलू यादव, भाई बासुदेव महतो और दोषी करार दिए गए बासो भोक्ता का भाई फौदा भोक्ता शामिल है। दोषी बासो की सजा के बिदु पर सुनवाई एक अक्टूबर को होगी। दोषी करार दिए जाने के साथ बासो को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। सभी पर हूरो महतो का हत्या करने का आरोप लगाया गया था। घटना जमुआ थाना क्षेत्र के कीर्तनियाडीह गांव की है। हूरो महतो का कौशल्या देवी के साथ जमीन का विवाद चल रहा था। हत्या को लेकर मृतक के पुत्र मनोज महतो ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 28 अक्टूबर 2007 को उसके पिता हूरो महतो अपनी बैलगाड़ी से धान का बीड़ा लेकर घर जा रहे थे। इसी बीच सभी आरोपित रास्ता रोककर टांगी, बरछा और लाठी से मारपीट करने लगे। पिता को मारते हुए देख वह और उसकी मां रोकने गई। काफी आरजू विनती करने पर सभी नहीं माने और पीट-पीटकर उसके पिता की हत्या घटनास्थल पर ही कर दी। इस मामले में अभियोजन की तरफ से छह गवाहों का परीक्षण कराया गया जिसमें सूचक, चश्मदीद, डॉक्टर और अनुसंधानकर्ता की गवाही शामिल है। वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा मंटू ने निर्णय से जुड़े सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई निर्णय न्यायालय में पेश किए व बहस की। अधिवक्ता दुर्गा पांडेय और प्रीतपाल सिंह ने भी बहस की।
दोषी बासो को पूर्व में भी हो चुकी है आजीवन कारावास की सजा : हूरो महतो हत्याकांड में न्यायालय से दोषी करार दिए गए बासो उर्फ बासुदेव भोक्ता को पूर्व में भी हत्या के दूसरे मामले में दोषी पाया गया था। अपने गांव में ही बासो 1997 में एक हत्याकांड में शामिल रहा था। उस मामले में 2011 में बासो को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी सजा होने के बाद बासो को हजारीबाग सेंट्रल जेल भेजा गया था। कई साल जेल में सजा काटने के बाद हाईकोर्ट से जमानत पाकर वह बाहर निकला था।