छात्रावास के लिए बने भवन पर कॉलेज का कब्जा
के लिए कल्याण विभाग द्वारा लाखों रुपये की लागत से निर्मित छात्रावास भवन पर कॉलेज ने कब्जा कर रखा है। इस पर दो साल से शिक्षकों ने डेरा जमाए रखा है और अलग-अलग विभागों का संचालन किया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन की इस मनमानी के कारण जि
गिरिडीह। अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए कल्याण विभाग द्वारा लाखों रुपये की लागत से निर्मित छात्रावास भवन पर कॉलेज ने कब्जा कर रखा है। इस पर दो साल से शिक्षकों ने डेरा जमाए रखा है और अलग-अलग विभागों का संचालन किया जा रहा है। कॉलेज प्रशासन की इस मनमानी के कारण जिस उद्देश्य से भवन का निर्माण कराया गया है, वह पूरा नहीं हो पा रहा है। छात्राओं को भी इसके लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
दो वर्ष पूर्व किया गया है हस्तगत : गिरिडीह कॉलेज परिसर में कल्याण विभाग ने छात्रावास भवन का निर्माण कराया गया। भवन निर्माण पूर्ण होने के बाद इसे करीब दो वर्ष पूर्व कॉलेज को हस्तगत करा दिया गया है, ताकि जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अनुसूचित जाति की छात्राएं इस छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर सकें, लेकिन छात्राओं को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है।
बन गया संकाय भवन : छात्रावास को कॉलेज प्रशासन ने संकाय भवन बना दिया है। इसमें कॉलेज के कई विभाग संचालित हो रहे हैं। शिक्षक अपनी सुविधानुसार इसमें अलग-अलग विभाग चला रहे हैं। आश्चर्य तो इस बात की है इसकी जानकारी वर्तमान प्राचार्य तक को भी नहीं है। कॉलेज की इस मनमानी को लेकर छात्र-छात्राओं में नाराजगी है। छात्र-छात्राएं उक्त भवन को खाली करने और छात्रावास का संचालन कराने की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पीजी की कक्षाएं भी होती हैं संचालित : बताया जाता है उक्त छात्रावास के भवन में ही पीजी की कक्षाओं का भी संचालन किया जा रहा है, जबकि पीजी के लिए बना भवन बेकार पड़ा है। छात्र संघ के सचिव विनीत कुमार ने बताया कि छात्रावास भवन में कॉलेज प्रशासन ने अवैध ढंग से कब्जा कर लिया है, जो गलत है। छात्रावास को खाली करने के लिए कॉलेज प्रशासन को काफी पहले मांग पत्र भी सौंपा गया है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। छात्रावास में लड़कों के रहने के लिए इसे खाली कर दे।
छात्रावास में रहने के लिए नहीं है छात्राएं : कॉलेज कर्मियों का कहना है कि कॉलेज में छात्राओं की संख्या काफी कम है। यहां छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाली छात्राएं नहीं हैं, जिस कारण कॉलेज प्रबंधन प्रस्ताव लेकर उक्त भवन में अलग-अलग विभाग का संचालन कर रहा है। इस पर छात्रों का कहना है कि यदि छात्रावास में रहने के लिए छात्राएं नहीं है तो इसमें छात्रों के रहने की व्यवस्था की जाए, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र यहां रहकर पढ़ाई कर सकें।
------------------- वर्जन छात्रावास भवन कब बना है और इस पर कॉलेज ने कब्जा क्यों कर रखा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मेरे योगदान से पहले ही भवन बना है।
डॉ. अजय मुरारी, प्रभारी प्राचार्य।