बंद रहे पेट्रोल पंप, भटकते रहे चालक
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : झारखंड में वैट कम करने की मांग पर पेट्रोल पंप संचालक सोमवार
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : झारखंड में वैट कम करने की मांग पर पेट्रोल पंप संचालक सोमवार को हड़ताल पर रहे। इस कारण चालक इधर-उधर भटकते रहे। झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की अपील पर जिले के सभी पेट्रोल पंपों के पंप डाउन रहे। एसोसिएशन से जुड़े जिले के 65 पेट्रोल पंप सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बंद रहे। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। हालांकि हड़ताल की पूर्व सूचना मिल जाने के कारण अधिकतर लोगों ने व्यवस्था कर ली थी, लेकिन काफी लोग ऐसे भी थे, जिन्हें हड़ताल की जानकारी नहीं थी। वैसे लोग पेट्रोल-डीजल लेने पेट्रोल पंप पहुंच रहे थे, लेकिन वहां से उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा था। इससे लोग काफी परेशान रहे।
इधर, पेट्रोल पंप संचालकों ने भंडारीडीह में प्रेसवार्ता कर हड़ताल के संबंध में जानकारी दी। प्रमोद कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि पड़ोसी राज्यों की तुलना में झारखंड में अधिक वैट है। इस कारण यहां पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत भी अन्य राज्यों से अधिक है। इससे राज्य में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में काफी कमी आई है। इस कारण राज्य के करीब 1200 पेट्रोल पंप बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। 19 सितंबर को एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील बरनवाल को ज्ञापन सौंपकर पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए वैट कम करने की मांग की थी। मंत्री ने इस दिशा में पहल करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है। कहा कि वैट अधिक रहने के कारण राज्य सरकार को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं रहा है, बल्कि पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री कम होने के कारण सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने का असर आम आदमी से लेकर सभी वर्ग के लोगों पर पड़ता है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। मौके पर नरेंद्र सिन्हा, मानवेंद्र पाठक, संजय सुमन, नरेंद्र ¨सह, मनोज जालान, काकू ¨सह, सुनील जैन, अविनाश कुमार स्वर्णकार आदि उपस्थित थे।