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बिजली संकट के खिलाफ फूटा गुस्सा, सड़क जाम

गावां में लगातार हो रही बिजली कटौती खिलाफ शहरी फीडर के उपभोक्ताओं का आक्रोश फुट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता गावां बाजार से नारेबाजी करते हुए गावां बिजली कार्यालय पहुंचे व कार्यालय का घेराव करने के बाद बिजली कार्यालय के समक्ष गावां-तीसरी पथ पर बीचो-बीच सड़क जाम कर बैठ गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:20 AM (IST)
बिजली संकट के खिलाफ फूटा गुस्सा, सड़क जाम
बिजली संकट के खिलाफ फूटा गुस्सा, सड़क जाम

गावां (गिरिडीह): गावां में लगातार हो रही बिजली कटौती के खिलाफ उपभोक्ताओं का आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में उपभोक्ता गावां बाजार से नारेबाजी करते हुए बिजली कार्यालय पहुंचे व कार्यालय का घेराव करने के बाद वह गावां-तिसरी पथ पर सड़क जाम कर दिया।

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गावां के बिजली उपभोक्ता 8 वर्षों से बढ़ोतरी बिल देते आ रहे हैं, परंतु उनके फीडर को अलग नहीं किया गया था। 5 जुलाई को फीडर को अलग किया गया परंतु बिजली आपूर्ति में कोई सुधार नहीं किया गया। आज भी गावां में बिजली काट दी जाती है। पावर हाउस में बिजली रहती है फिर भी उस क्षेत्र के लोगों को बिजली नहीं मिलती है जिससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। वे आक्रोशित होकर सुबह 8 बजे से सड़क पर उतर गए। एक घंटे सड़क जाम रहने के बाद गावां थाना प्रभारी विजय केरकेट्टा वहां पहुंचे व ग्रामीणों से वार्ता कर सड़क जाम हटाने की अपील की। ग्रामीणों का कहना था कि बिजली विभाग के कोई पदाधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। ऐसे में वे कोई बात नहीं करेंगे और जाम भी नहीं हटाएंगे। बाद में थाना प्रभारी के आग्रह व माले नेता नागेश्वर यादव की पहल पर ग्रामीणों ने सड़क जाम हटा लिया व बिजली कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ गए।

सुबह 11 बजे विभाग के नाम उक्त क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में कटौती नहीं करने की मांग करते हुए धरना को समाप्त किया। आवेदन में कहा गया है कि अगर आज से बिजली कटौती में सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीण बाध्य होकर पावर हाउस में तालाबंदी करते हुए सड़क जाम करने को बाध्य होंगे। आवेदन की प्रतिलिपि गावां की बीडीओ मधु कुमारी व थाना प्रभारी को भी दी गई।

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दस दिनों से बिरनी में ब्लैक आउट

प्रखंड के 181 गांव अंधकार में डूबे

बिरनी (गिरिडीह) : बिरनी में बिजली की अनियमितता चरम सीमा पार कर गई है। दस दिनों से प्रखंड की लगभग दो लाख की आबादी और 181 गांवों के लोग अंधकार में रह रहे हैं। ग्रामीण बिजली जलाएं या नहीं जलाएं, वे विभाग को बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों से उपभोक्ता इस समस्या के बारे में संपर्क करते है तो कहा जाता है कि ब्रेकडाउन है। जमुआ टू भोरंडीहा मेन लाइन के 33 हजार लाइन में खराबी आ गई है। ठीक होते ही बिजली दे दी जाएगी। मेन लाइन में हमेशा खराबी होती रहती है। ग्रामीण बालेश्वर कुमार, पवन कुमार, दीपक कुमार, जितेंद्र महतो, किशोर वर्मा, मदन कुमार, प्रभात कुमार, सौरभ कुमार, सुशांत कुमार, अनुज कुमार आदि ने बताया कि विभाग के अधिकारियों ने यहां के जनप्रतिनिधियों का वजन देख लिया है इसलिए उनको कोई भी तवज्जो नहीं देते। लोगों को यह समझ में नहीं आता है कि मेन लाइन में आखिर बार बार खराबी क्यों होती है। खराब होने के बाद ठीक होते ही फिर तुरंत खराब हो जाता है। कहा कि इसी तरह बिजली की समस्या बनी रही तो वे लोग अपना कनेक्शन विभाग को वापस दे देंगे और फिर पूर्व की तरह ढिबरी युग में ही जिदगी गुजारने को विवश होंगे। कनीय अभियंता सतीश कुमार महतो ने कहा कि मेनलाइन 33 हजार में जमुआ से भोरंडीहा के बीच खराबी आ गई है जिसे ठीक किया जा रहा है। ठीक होते ही बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।


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