Move to Jagran APP

लॉकडाउन में रोजगार मिलने से दिहाड़ी मजदूरों में हर्ष

वैशिवक महामारी कोरोना संक्रमण से बचने व लॉक डाउन का पालन के लिए आम लोगो अपने घरों में कैद हो गया। इससे दहाड़ी मजदूरों की आर्थिक स्थित दैनीय हो गया है। हालांकि सरकार की ओर से प्रत्येक व्यक्तियों को दस दस किलो चावल दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 07:00 AM (IST)
लॉकडाउन में रोजगार मिलने से दिहाड़ी मजदूरों में हर्ष
लॉकडाउन में रोजगार मिलने से दिहाड़ी मजदूरों में हर्ष

बिरनी (गिरिडीह) : लॉकडाउन का पालन करने के लिए लोग अपने घरों में कैद हैं। इससे दिहाड़ी मजदूरों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। हालांकि सरकार की ओर से प्रत्येक व्यक्ति को दस-दस किलो चावल दिया जा रहा है। उन गरीब मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए लॉकडाउन के 60 दिन बाद स्थानीय प्रशासन ने काम देना शुरू कर दिया है। काम मिलते ही वे हर्षित हो रहे हैं। उन्हें प्रखंड कार्यालय परिसर में अनाबद्ध योजना के तहत सड़क, पीसीसी आदि के निर्माण में काम मिल रहा है। मजदूर अपने मुंह पर मास्क लगा व शारीरिक दूरी बनाकर काम कर रहे हैं। छत्रधारी ठाकुर, राजकुमार रजवार, शंकर साव, हजारी रजवार आदि मजदूरों ने कहा कि इस लॉकडाउन में उनकी स्थिति काफी दयनीय हो गई थी। सरकार ने प्रत्येक परिवार को चावल दिया है। उसके बाद भी इनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। काम मिलने से अब उनकी स्थिति में कुछ सुधार होगा। मजदूरों का लगातार घर लौटने का सिलसिला जारी है जिससे इस वायरस का खतरा और बढ़ता जा रहा है। जितनी चिता रोजगार की नहीं थी उससे अधिक चिता इस कोरोना वायरस के भय से है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.