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कोरोना पर भारी दिखा भाई-बहन का प्यार

पूरे अनुमंडल क्षेत्र में भाई- बहन के प्यार और अटुट बंधन के प्रतिक के रूप में श्रावण मास के पूर्णिमा को मनाया जाने वाला पर्व रक्षाबंधन हर्षोल्लास से मनाया गया। भाई- बहन को समर्पित इस त्योहार पर कोरोना का प्रभाव नाममात्र देखने को मिला। कोरोना ने इस पर्व के उत्साह को बढ़ाने का कार्य किया क्योंकि वर्तमान समय में कोरोना से प्रभावित होकर सभी अपने घरों में है

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:15 AM (IST)
कोरोना पर भारी दिखा भाई-बहन का प्यार
कोरोना पर भारी दिखा भाई-बहन का प्यार

गिरिडीह : जिला मुख्यालय समेत प्रखंड क्षेत्र में भी भाई-बहन के आपसी प्रेम का पर्व रक्षा बंधन शांतिपूर्वक उत्साह के साथ मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके मंगल जीवन की कामना की, वहीं भाइयों ने भी उनकी रक्षा करने का संकल्प लेकर बहनों को उपहार दिया।

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खोरीमहुआ : पूरे अनुमंडल क्षेत्र में रक्षा बंधन हर्षोल्लास से मनाया गया। इस त्योहार पर कोरोना का प्रभाव नाममात्र का देखने को मिला। कोरोना ने इस पर्व के उत्साह को बढ़ाने का कार्य किया, क्योंकि वर्तमान समय में कोरोना से प्रभावित होकर सभी अपने घरों में हैं और वर्षो बाद किसी परिस्थिति ने भाई-बहन को एक साथ होने की संभावनाओं को बढ़ाया है। प्रखंड के नावागढ़चट्टी स्थित श्री रामधाम श्री सीताराम सेवा आश्रम में रक्षा बंधन लोगों ने उत्साहपूर्वक मनाया। इसमें चित्रकूट से आए राष्ट्रीय प्रवक्ता सह महंत सीताराम शरण ने रक्षा बंधन से जुड़ी कथाओं और पुराणों में वर्णित व्याख्यानों से भक्तों को अवगत कराया। कार्यक्रम में सकलदेव वर्मा, नरेश साहू, स्वयंप्रभा शरण, सुखदेव प्रसाद यादव, नवीन सिंह, प्रवीण कुमार, पुष्पा देवी, स्वीटी देवी, रूबी, पुष्पा, लक्ष्मी आदि उपस्थित थे।

बिरनी : सावन पूर्णिमा व रक्षा बंधन के अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। भाई-बहन ने एक-दूसरे के दीर्घायु होने की मनोकामना की।

झारखंडधाम : ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं भाई ने बहन के घर जाकर राखी बंधवाई तो कहीं पर बहन ने अपने ससुराल से चलकर नैहर पहुंची और भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा। भाई-बहन की मर्यादा के पवित्र रिश्ते के पर्व का इंतजार बहन कर रही थी। इतिहास के सुनहरे पन्नों पर कलमबद्ध है कि कर्णवती ने हुमायूं की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर बहन की रक्षा करने की बात कही थी। इस पर हुमायूं ने कर्णवती की सुरक्षा का प्रण लिया था। वहीं परंपरा तब से आज तक चलती आ रही है। वहीं धार्मिक पद्धति के अनुसार इस रक्षा पर्व की महत्ता महाभारत काल से भी जुड़ी होने की बात कही जाती है।

डुमरी : रक्षा बंधन डुमरी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में परंपरा एवं मान्यता के साथ मनाया गया। बहनों ने सुबह पूजा-अर्चना कर अपने भाई की कलाई में प्रेम की प्रगाढ़ता का प्रतीक राखी बांधी व आरती उतारकर उसकी लंबी आयु की कामना की। रक्षा बंधन होने के कारण बाजार में काफी चहल पहल देखी गई। इधर डुमरी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नीरज सिंह, आरक्षी निरीक्षक दिनेश प्रसाद सिंह, डुमरी थाना प्रभारी बिदेश्वरी दास, डुमरी चिकित्सा पदाधिकारी अजय कुमार, सीआरपीएफ कमांडेंट, एसआइ सीताराम झा, निमियाघाट थाना प्रभारी विकास पासवान सहित दर्जनों लोग इस पर्व को शांतिपूर्वक संपन्न कराने में सहयोग करते रहे।

निमियाघाट : रक्षाबंधन को लेकर प्रखंड मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों  में काफी चहल-पहल देखी गई। बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधी और भाइयों से अपनी सुरक्षा का वचन लिया। भाइयों ने भी बहन की रक्षा करने का न केवल संकल्प दोहराया बल्कि उन्हें मनपसंद उपहार देकर उनकी खुशी दोगुनी कर दी।

बगोदर : बगोदर, बेंको, हेसला, तिरला, अटका, खेतको आदि जगहों पर बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार मनाया। इस बार कोरोना महामारी की वजह से यह त्योहार सादगी से मनाया गया। बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके जीवन की मंगल कामना की तो भाइयों ने भी बहन की रक्षा करने का वचन दिया।


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