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भाइयों के दीर्घायु को लेकर बहनों ने किया भैयादूज

डुमरी प्रखंड क्षेत्र में शहर से लेकर गांव तक मंगलवार को भाई-बहनके पवित्र प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पर्व करने वाली युवतियां और महिलाएं सुबह से ही पर्व की तैयारी में जुट गई थी। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को शुभ मुहूर्त के बीच युवतियां और महिलाएं एक जगह जुट कर भैया दूज की पूजा करती नजर आईं। मौके पर बहनों ने यम-या

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 11:56 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 11:56 PM (IST)
भाइयों के दीर्घायु को लेकर बहनों ने किया भैयादूज
भाइयों के दीर्घायु को लेकर बहनों ने किया भैयादूज

गिरिडीह : पूरे जिला में भैया दूज की धूम रही। मंगलवार को हर जगह पूरे उत्साह के साथ भैया दूज मनाया गया। इस दौरान बहनों ने भाइयों को राखी बांध और तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। पर्व को लेकर युवतियों में काफी उत्साह देखा गया।

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सरिया : क्षेत्र में जगह-जगह यम द्वितीया तथा गोवर्धन पूजा मनाई गई। साथ ही भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज भी हर्षोल्लास मनाया गया। बहनों ने भाई के ललाट पर तिलक लगा राखी बांधकर उनके लंबी उम्र की कामना की और मीठा भोजन कराया। लेखा-जोखा संधारण करने वाले कायस्थ परिवार के लोगों ने चित्रगुप्त पूजा कर भगवान यमराज को प्रसन्न किया। लुतियानो, गोविदपुर, मोकामो आदि जगहों में गोवर्धन पूजा की गई। इस मौके पर मेला का आयोजन किया गया। इसके पूर्व लोगों ने पशुओं को श्रृंगार कर उनकी पूजा की। मांदर की थाप पर नृत्य का आनंद लिया। मेला के आयोजकों ने बताया कि गोवर्धन पूजा प्रकृति का पर्व है, जिसे खासकर किसान वर्ग के लोग मनाते हैं। पशुधन के सहारे ही वे खेती कर सकते हैं। इसलिए बछड़े तथा बैलों को सुसज्जित कर उनकी पूजा करने की परंपरा है।

निमियाघाट : क्षेत्र में भैया दूज मनाया गया। युवतियां और महिलाएं सुबह से ही पर्व की तैयारी में जुट गई थीं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को शुभ मुहूर्त के बीच युवतियां और महिलाएं एक जगह जुट कर भैया दूज की पूजा करती नजर आईं।

मौके पर बहनों ने यम-यामिनी की पूजा-अर्चना कर भैया दूज के प्रसिद्ध गीतों के बीच रूई की माला भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र के रूप में पहना मंगल टीका लगाकर केराव का दाना खिलाया। साथ ही यमराज से उनके दीर्घायु एवं सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। इस क्रम में मूसली से नागफनी के कांटे को भी कूटी, कूटे गए कांटे को अपने जीभ पर चुभ कर यम से मन्नतें मांगती हैं कि उनका भाई युगों युगों तक जीता रहे और अपनी बहन की रक्षा करते रहे। इसरी बाजार , रांगामाटी, रोशनाटुंडा, लक्ष्मणटुंडा, निमियाघाट, नगरी, पोरदाग, खाखी, डुमरी, जामतारा, कुलगो, सहित पूरे क्षेत्र में भैया दूज को लेकर बहनों में काफी उत्साह देखा गया। नीलकमल, मनोकामना, स्नेहा, शालू, निधि, निम्मी, गुड़िया, प्रिया, खुशबू, सृष्टि, अंजलि, कृति, प्राची आदि ने पूजा की।


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