परेशान भाई ने पूछा- आखिर कहां है तालिबानियों के कब्जे से मुक्त प्रकाश महतो? Giridih News
तालिबानियों के कब्जे से मुक्त गिरिडीह के प्रकाश महतो की वतन वापसी तो हो चुकी है लेकिन वे पिछले करीब साढ़े सात माह से कहा हैं किसी को खबर नहीं है।
गिरिडीह, जेएनएन। तालिबानियों के कब्जे से मुक्त किए गए गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के घाघरा निवासी प्रकाश महतो की वतन वापसी तो हो चुकी है, लेकिन उनकी घर वापसी करीब आठ महीने बाद भी नहीं हो सकी है। उनसे मिलने को दिल्ली गए उनके माता-पिता, पत्नी व दोनों बच्चे भी करीब साढ़े सात माह बाद भी घर नहीं लौटे हैं।
हालांकि प्रकाश महतो एवं उनका परिवार एक साथ है, लेकिन वे कहां है, इसे आज तक गुप्त रखा गया है। नौकरी देने वाली कंपनी केइसी इंटरनेशनल के देखरेख में प्रकाश व उसका परिवार है। प्रकाश के दो भाई उमेश महतो एवं बसंत महतो भी परेशान हैं। उमेश ने इस मामले में कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी को एक पत्र लिखकर प्रकाश महतो समेत परिवार के सभी सदस्यों की घर वापसी कराने का आग्रह किया है।
अफगानिस्तान के बघलान प्रांत में भारतीय कंपनी केइसी में कार्यरत सात भारतीय मजदूरों व एक अफगानी चालक को तालिबान ने 6 मई 2018 को अगवा कर लिया था। अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता वार्ता के दौरान प्रकाश महतो को 17 मार्च 2019 को रिहा कर दिया गया था। रिहाई के बाद प्रकाश महतो को कंपनी के अधिकारी लेकर दिल्ली लौटे थे।
तब से आज तक न भाई लौटा न ही परिवार
कंपनी के अधिकारी आलोक मिश्रा ने मोबाइल पर प्रकाश के पिता जेठू महतो को प्रकाश की वतन वापसी की जानकारी दी थी। साथ ही उससे मिलने के लिए पूरे परिवार को दिल्ली बुलाया था। इसके बाद प्रकाश के माता-पिता, पत्नी चमेली देवी एवं 12 साल की बेटी गायित्री व आठ साल के बेटे निर्मल एक साथ घर से 27 मार्च 2019 को दिल्ली के लिए निकले थे। तब से आज तक न तो प्रकाश घर लौटा है और न ही दिल्ली के लिए निकले परिवार के अन्य सदस्य।
कंपनी के अधिकारियों ने कई बार प्रकाश व पिताजी से कराई बात
परेशान होकर प्रकाश के भाई उमेश कुमार महतो ने पांच जून को सांसद अन्नपूर्णा देवी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई थी। प्रकाश ने बताया कि आज तक यह नहीं पता चल सका है कि कंपनी ने सभी को कहां रखा है? कभी यह जानकारी मिलती है कि सभी भूटान में हैं। वैसे दबाव बढऩे के बाद कंपनी के अधिकारियों ने उनकी कई बार प्रकाश एवं पिताजी से बात कराई है। सभी बताते हैं कि वे सकुशल हैं, लेकिन कहां हैं यह नहीं बताते हैं। दुर्गापूजा के मौके पर सभी को घर भेजने का वादा कंपनी ने किया था। दुर्गापूजा खत्म हो गई, लेकिन घर वापसी नहीं हुई।
गांव का एक और मजदूर अभी भी तालिबान के कब्जे में
उमेश ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनके गांव के एक और मजदूर प्रसादी महतो अभी भी तालिबान के कब्जे में हैं। उनकी रिहाई होने पर दोनों को एक साथ घर भेज दिया जाएगा। तालिबान ने पिछले दिनों अगवा किए गए तीन भारतीय मजदूरों को रिहा किया है।
सरकार बताए, प्रकाश व उसके परिजनों को कहां और क्यों रखा गया?
इधर प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने सरकार से प्रकाश महतो एवं उसके परिवार के सदस्यों की सकुशल घर वापसी कराने की अपील की है। वहीं भाकपा माले के केंद्रीय कमेटी सदस्य व पूर्व विधायक विनोद सिंह ने सरकार से यह स्प्ष्ट करने कहा है कि आखिर प्रकाश महतो एवं उसके परिजनों को गुप्त रूप से कहां और क्यों रखा गया है?