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पुलिस व सीआरपीएफ की अनुशंसा पर विकास का ब्लू ¨प्रट तैयार

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह: पुलिस एवं सीआरपीएफ के जवान व अधिकारी जब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पह

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 11:09 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 11:09 PM (IST)
पुलिस व सीआरपीएफ की अनुशंसा पर विकास का ब्लू ¨प्रट तैयार
पुलिस व सीआरपीएफ की अनुशंसा पर विकास का ब्लू ¨प्रट तैयार

दिलीप सिन्हा, गिरिडीह: पुलिस एवं सीआरपीएफ के जवान व अधिकारी जब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचते थे तो लोग भयभीत हो जाते थे। कारण, नक्सलियों का गुस्सा जवान निर्दोष ग्रामीणों पर उतारते थे। लेकिन अब माहौल बदल गया है। नक्सलियों से बंदूक के बल पर लोहा लेने के साथ-साथ पुलिस व सीआरपीएफ के अधिकारी अब नक्सल क्षेत्रों के लिए विकास का भी ब्लू ¨प्रट तैयार कर रहे हैं। विकास योजनाओं के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को अब सांसदों व विधायकों के यहां दौड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। पुलिस भी अब उनके लिए विकास योजनाएं तैयार कर रही है।

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यह स्थिति विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में मिल रही राशि से है। गिरिडीह जिले को विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में अब तक 25 करोड़ रुपये मिल चुकी है। आप जानकर हैरान होंगे कि इन 25 करोड़ रुपये में से बड़ी राशि पुलिस एवं सीआरपीएफ की अनुशंसा पर खर्च होगी। जिले के पीरटांड़, डुमरी, देवरी एवं तिसरी प्रखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में यह राशि खर्च की जाएगी। योजनाओं का चयन कर संबंधित एजेंसियों को कार्य दे दिया गया है। बहुत जल्द इन योजनाओं का टेंडर कर काम शुरू कर दिया जाएगा।

तीन साल में मिलेंगे 90 करोड़: विशेष केंद्रीय सहायता के रूप में तीन साल में करीब 90 करोड़ रुपये मिलेगा। प्रत्येक साल 28.70 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। वित्तीय वर्ष वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के लिए यह राशि दी जाएगी। 60 प्रतिशत राशि खर्च करने का प्रमाण पत्र डीसी स्तर पर देने के बाद ही अगली राशि केंद्र सरकार आवंटित करेगी। गिरिडीह जिले को पहले पांच करोड़ और अब बीस करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार से मिल चुकी है।

डीसी के नेतृत्व में बनी कमेटी देती है योजनाओं को अंतिम रूप: विशेष केंद्रीय सहायता की योजनाओं के चयन को अंतिम रूप डीसी के नेतृत्व में गठित कमेटी देती है। इस कमेटी में डीसी के अलावा एसपी, डीएफओ, सीआरपीएफ कमांडेंट एवं जिला योजना पदाधिकारी होते हैं।

झारखंड के 16 जिलों को मिलती है विशेष केंद्रीय सहायता: देशभर के 35 नक्सल प्रभावित जिलों को केंद्र सरकार विशेष सहायता राशि देती है। इन 35 जिलों में सबसे अधिक झारखंड के 16 जिले हैं। झारखंड के बाद छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक आठ जिले हैं। झारखंड के 16 जिलों में गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लातेहार, पलामू, पश्चिमी ¨सहभूम, पूर्वी ¨सहभूम, बोकारो, हजारीबाग, चतरा, रांची, गढ़वा, दुमका, रामगढ़, लोहरदगा एवं सिमडेगा शामिल है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का किया जाएगा सर्वागीण विकास: डीसी

डीसी नेहा अरोड़ा ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास किया जाएगा। विशेष केंद्रीय सहायता से मिली राशि को इन इलाकों में खर्च किया जा रहा है। अब तक 25 करोड़ रुपये मिल चुकी है।

पुलिस, सीआरपीएफ के अलावा जनप्रतिनिधियों की भी अनुशंसा पर योजनाओं का चयन किया गया है। योजनाओं की उपयोगिता को देखते हुए ही चयन किया गया है। स्कूल, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों में पेयजल की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।


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