कृषि विज्ञानियों ने दलहन और तिलहन की खेती पर दिया जोर
संस बेंगाबाद (गिरिडीह) फिटकोरिया पचायत के टोपईया स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार क
संस, बेंगाबाद (गिरिडीह) : फिटकोरिया पचायत के टोपईया स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को कृषि विज्ञानी सलाहकार समिति की बैठक हुई। इसमें रांची व धनबाद के 16 कृषि विज्ञानियों ने भाग लिया। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2021 में केंद्र के किए गए कार्यो की समीक्षा की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भावी कार्यक्रमों पर चर्चा करते हुए आगे की योजना बनाई गई।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के उप निदेशक डा. सोहन राम ने दलहन, तेलहन, मूंगफली आदि फसलों की पैदावार बढ़ाने पर जोर देते हुए कई आवश्यक जानकारियां दीं। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए अफ्रीकन को भी बढ़ावा देने पर चर्चा की। कहा कि इस चारा का उत्पादन होने से पशुओं को कभी भी हरे चारे की कमी नहीं होगी। इससे दुग्ध उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधान वैज्ञानिक डा. डीके रूसिया ने फसलों की पैदावार बढ़ाने पर चर्चा की। कहा कि यदि किसान प्रत्येक तीन साल में खेतों की गरमा जोताई करते हैं तो इससे फसलों की पैदावार में वृद्धि होती ही है, साथ ही कई प्रकार के कीड़े मकोड़े भी नष्ट होते हैं। इसके अलावा देशी हल की जगह लोहे के हल का उपयोग करने की बात उन्होंने की। उन्होंने उन फसलों की खेती करने पर जोर दिया। इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा हो, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके। धनबाद के हेड वैज्ञानिक डा. ललित दास, डा. देवकांत ,प्रसाद, डा. एसजी कुमार, फार्म मैनेजर मधुकर कुमार, भूमि संरक्षण पदाधिकारी दिनेश मांझी, नाबार्ड के डीडीएम आशुतोष प्रकाश, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बीटीएम रजनीश कुमार, मनोज कुमार, सुभाष कुमार आदि थे।