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रिपोर्ट निगेटिव आने पर नवजात के साथ घर गई महिला

सदर अस्पताल की इकाई चैताडीह स्थित मातृत्व शिशु केन्द्र में प्रसव कराने 17 मई की शाम आई एक महिला का एंटी बॉडी टेस्ट संदिग्ध पाए जाने के बाद उसे प्रसवोपरांत सतत निगरानी में रखा गया था। साथ ही उसकी स्वाब संग्रह कर जांच के लिए पीएमसीएच भेजा गया था। पीएमसीएच से जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को नवजात बच्ची के साथ घर जाने के लिए अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 05:21 PM (IST)
रिपोर्ट निगेटिव आने पर नवजात के साथ घर गई महिला
रिपोर्ट निगेटिव आने पर नवजात के साथ घर गई महिला

गिरिडीह : सदर अस्पताल की इकाई चैताडीह स्थित मातृत्व शिशु केन्द्र में प्रसव कराने 17 मई की शाम आई एक महिला का एंटी बॉडी टेस्ट संदिग्ध पाए जाने के बाद उसे प्रसवोपरांत सतत निगरानी में रखा गया था। उसका स्वाब जांच के लिए पीएमसीएच भेजा गया था। पीएमसीएच से जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को नवजात बच्ची के साथ घर जाने के लिए अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। परिजन महिला व बच्ची को लेकर अपने घर चले गए। महिला अपने पति के साथ सूरत में रहती थी। कोरोना संक्रमण से बचाव को लगे लॉकडाउन के बीच अपने पति के साथ गांव लौटी थी। गांव में ही उसे 17 मई को प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन उसे चैताडीह अस्पताल में भर्ती कराए थे। यहां प्रसव पूर्व उसकी एंटी बॉडी टेस्ट कराई गई जिसमें रिपोर्ट संदिग्ध पाए जाने के बाद सतर्कता बरतते हुए प्रसव कराया गया था। महिला ने एक बच्ची को जन्म दी थी। उसके बाद महिला की स्वाब को संग्रह कर जांच के लिए पीएमसीएच भेजा गया था, जबकि उसके पति व अन्य परिजनों का एंटी बॉडी टेस्ट किए जाने पर निगेटिव पाया गया था। महिला की संदिग्ध रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल में ही उसे सतत निगरानी में एक अलग कक्ष में रखा गया था।

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सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार सिन्हा ने बताया कि महिला का फ‌र्स्ट जांच रिपोर्ट संदिग्ध आया था। उसके बाद उसे अस्पताल के अलग कमरे में सतर्कता बरतते हुए रखा गया था। स्वाब आरटीपीसीआर जांच के लिए पीएमसीएच भेजा गया था जहां से जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला को घर जाने की छुट्टी दे दी गई। चैताडीह अस्पताल में 17 मई को प्रसव कराने आई एक गर्भवती महिला की प्रसव पूर्व कराई गई एंटी बॉडी टेस्ट में रिपोर्ट संदिग्ध पाया गया था। एहतियात बरतते हुए गर्भवती महिला का 18 मई को प्रसव कराया गया था। प्रसव के बाद महिला को अस्पताल के ऊपरी तल्ले पर एसएनसीयू के दूसरी ओर स्थित एक कमरे में सतत निगरानी में रखा गया था।


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